कुर्बानी से जोड़ना ठीक नहीं: मौलाना
उन्होंने कहा कि इसे कुर्बानी से जोड़ना ठीक नहीं, इस मामले में तस्वीर साफ हो गई है। मौलाना रजवी ने अपने एक बयान में कहा कि गला रेतने वाले बुजुर्ग की पत्नी का बयान है कि वह तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़े थे। आजमगढ़ में किसी दरगाह में जाते थे। उनके ऊपर भूत-प्रेत का साया था। घर आकर वह जादू-टोना करते थे। भूत-प्रेत का असर में उन्होंने अपने हाथों से ही अपना गला काट लिया।
इंसान नहीं, जानवरों की कुर्बानी की इजाजत: मौलाना
रजवी ने कहा कि इसे कुर्बानी के रूप में देखना ठीक नहीं है। यह भूत-प्रेत के असर के कारण हुआ है। अंसारी के दिमाग में भूत-प्रेत का असर था। इस कारण उन्होंने कुर्बानी के दिन होने के कारण एक नोट लिख दिया। जबकि उनके दिमाग में भूत-प्रेत की बातें ही घुसी हुई थीं। इस कारण उस शख्स ने यह कदम उठाया है। इसे कुर्बानी के रूप में प्रचारित करना गलत है। इस्लाम में इंसान नहीं, जानवरों की कुर्बानी की इजाजत है। लेटर लिख बुजुर्ग ने काट लिया था गला
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के देवरिया के गौरीबाजार थानाक्षेत्र के उधोपुर गांव में एक अजीब घटना देखने को मिली है। यहां पर बकरीद के दिन नमाज अदा कर एक वृद्ध ने अपनी कुर्बानी दे दी। वृद्ध ने एक पत्र में लिखा है, जिसमें इंसान बकरे को अपने बच्चे की तरह पाल-पोस कर बड़ा कर कुर्बानी देता है, वह भी जीव है। कुर्बानी करना चाहिए। मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूं।
यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। पुलिस के अनुसार, इस व्यक्ति ने अंधविश्वास में आकर अपनी बलि देने के लिए चाकू से गला रेता था, जिसके लिए परिजनों को आगाह कर ईश मोहम्मद ने बाकायदा पत्र लिखकर बताया है।