उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले का सोन्ढूर डैम अरसीकन्हार रेन्ज के
टाइगर रिजर्व फारेस्ट के अंतर्गत आता है। यहां शिकार पर प्रतिबंध है। वन विभाग के अनुसार डैम की मछली भी वन्य प्राणी के अंतर्गत आता है। यही कारण है कि डैम में मछली पालन के लिए टेंडर भी नहीं होता। अवैध रूप से मछली का शिकार करने ज्यादातर उड़ीसा के लोग आते हैं। सिहावा क्षेत्र के सोंढूर डैम में रोजाना मछली पकड़ने वालों की लंबी लाईन लगी रहती है।
इन पर हुई कार्रवाई
अवैध रूप से मछली का शिकार करने के आरोप में उडीसा के 12 लोगों पर कार्रवाई हुई है। इनमें शिबा (21) पिता पूरण पटेल, पदलाल (21) पिता कोमलू टीमनपुर, सूरत (23) पिता सुकमन, वरूण पिता लीलाबर पटेल, नीलधर पिता नाथूराम पटेल, सराधू पिता नाथूराम, जोमू पिता जयराम, अजम पिता नाथूराम, रसबन पिता रायसिग, रजमन पिता रायसिग, चंदन पिता बुल्सन शामिल है। सभी के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम तहत कार्रवाई की गई है। सोन्ढूर डैम में मछली पकड़ना बैन है। यह रिजर्व फारेस्ट का हिस्सा है। यहां उडीसा के लोग आकर मछली पकड़कर जा रहे थे। जिसे जंगल में हमारे गश्ती टीम ने पकड़ा है। सभी उड़ीसा के हैं। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। शैलेश बघेल, परिक्षेत्र अधिकारी उदंती सीतानदी