महापौर के आगे-आगे 7 पंडित मंत्रोच्चारण करते हुए गंगाजल और अक्षत छिड़कते महापौर कक्ष पहुंचे। यहां फिर से प्रयागराज से लाए गंगाजल से शुद्धिकरण किया गया। निगम आयुक्त द्वारा एक फाइल दी गई, जिसमें दस्तखत कर उन्होंने पदभार ग्रहण किया।
Mayor Oath Ceremony: शहर विकास के लिए प्रतिबद्ध हूं – रामू रोहरा
मीडिया से चर्चा करते हुए रामू रोहरा ने कहा कि जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है। निश्चित ही इस बार शहर का विकास होगा। आपने 5 साल दूसरे को मौका दिया अब 5 साल मुझे मौका मिला है। शहर विकास के लिए प्रतिबद्ध हूं। निगम कार्यालय के शुद्धिकरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि पाप-पुण्य का फैसला ईश्वर करता है। सनातन संस्कृति में शुभ कार्य के पहले शुद्धिकरण का विधान है। इसी विधान का पालन कर रहे हैं, ताकि किसी प्रकार की बाधा शहर विकास को बाधित न कर सके। जिन्होंने पाप किया, उन्हें जनता ने सबक सिखा दिया है। पाप का भोग तो उन्हें भोगना ही होगा। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने स्वच्छता दीदीयों को साप्ताहिक अवकाश देने की घोषणा की। साथी उनके मानदेय में 800 रूपए की बढ़ोतरी भी की गई है। इस अवसर पर भाजपा के 40 पार्षद व भाजपा नेता आदि उपस्थित थे।
शपथ के साथ ही शहर विकास की चुनौती भी शुरू…
सिटी बस सेवा: प्रदेश के कई जिलों में भाजपा की सत्ता आने के बाद सिटी बस सेवा शुरू हो गई है। धमतरी में अब तक अता-पता नहीं है। पुराने बस रायपुर गए तो वापस ही नहीं आए। चुनौती : धमतरी में सिटी बस उतारना भी बड़ी चुनौती होगी। सरकार ने अभी कुछ ही जिलों को यह सुविधा दी। समय पर बस ऑपरेटरों को भुगतान नहीं होने के कारण पिछले सिटी बस सेवा में अड़चनें आती रही हैं। हाईटेक बस स्टैंड: भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में इस मांग को भी शामिल किया था। वर्तमान में बस स्टैंड अस्त-व्यस्त है। यात्रियों के रूकने के लिए सुविधायुक्त प्रतीक्षालय भी नहीं है। पूर्व में शासन से लगभग 6 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई, लेकिन लापरवाही के चलते राशि लेप्स हो गई। चुनौती : हाईटेक बस स्टैंड की मांग 20 वर्ष पुरानी है। अब तक जनता को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया। इस महत्वपूर्ण कार्य का एस्टीमेट भी अब 7 करोड़ के ऊपर हो गया है। इसके लिए भी राशि स्वीकृत कराना चुनौती है।
गोकुलनगर: मतदान पूर्व भाजपा के घोषणा पत्र में भी जनता से इसका वादा किया गया। महापौर ने बताया कि बजट में इसका प्रस्ताव करेंगे। प्रक्रिया भी शुरू कर दिए हैं। चुनौती : शहर में 110 डेयरी संचालित हैं। अब तक नगर निगम और डेयरी संचालकों के बीच समन्वय नहीं बन पाया। बजट भी 5 करोड़ से बढ़कर 7 करोड़ हो गया है। इसके लिए राशि लाना भी बड़ी चुनौती है।
धूल: शहर की यह सबसे बड़ी समस्या के साथ आफत भी है। धूल के साथ ही राइस मिलों के डस्ट से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। लंबे समय से धूल के बीच रहने वाले लोग गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। चुनौती : शहर की बड़ी समस्या होने के बावजूद भाजपा के घोषणा पत्र में इसका उल्लेख नहीं था। सिहावा रोड, रूद्री रोड, मुजगहन रोड सहित नेशनल हाइवे में सबसे ज्यादा समस्या है। जनस्वास्थ्य से मामला जुड़ा होने के बावजूद इसकी अनदेखी लगातार जारी है। निगम के पास इसका कोई प्लान भी नहीं है।
Mayor Oath Ceremony: पार्किंग: शहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होना दुर्भाग्य की बात है। सदर से लेकर शहर से गुजरे नेशनल हाइवे में भी पार्किंग सुविधा नहीं है। सदर चौड़ीकरण के लिए सिर्फ नापजोख ही हुआ। जनप्रतिनिधियों में इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह समस्या अब भी बनी हुई है। चुनौती : सदर चौड़ीकरण को लेकर अब तक राजनीति ही हुई। पार्किंग के लिए जिमेदारों ने ध्यान नहीं दिया। 143 साल पुराने पालिका में फिर से कमल खिला है। नवनिर्वाचित महापौर के लिए यह समस्या भी चुनौती से कम नहीं।