माता लक्ष्मी का प्राकट्य (Appearance of Goddess Lakshmi)
माता लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन की प्रमुख घटना से जुड़ा है। धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन देवताओं और असुरों द्वारा अमृत प्राप्त करने के लिए किया गया था। यह समुद्र मंथन की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। जिसमें सृष्टि की कई अद्भुत और दिव्य वस्तुएं निकली थीं।क्षीरसागर से माता लक्ष्मी की उत्पत्ति (Origin of Goddess Lakshmi from Kshirsagar)
मान्यता है कि जब देवता और असुरों को मंथन से अमृत की प्राप्ति होने लगी। इसी दौरान माता लक्ष्मी क्षीरसागर से एक कमल के फूल पर विराजमान होकर प्रकट हुईं। मान्यता है कि उनकी सुंदरता, तेजस्विता और दिव्यता ने देवता और असुरों को मोहित कर दिया।भगवान विष्णु से किया विवाह (married Lord Vishnu)
माता लक्ष्मी के प्रकट होते ही देवता और असुर दोनों उनकी आराधना करने लगे। माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपने स्वामी के रूप में चुना और उनके साथ विवाह किया। तभी से भगवान विष्णु की अनन्य संगिनी के रूप में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।लक्ष्मी का महत्व (importance of lakshmi)
माता लक्ष्मी केवल भौतिक धन की देवी तो हैं ही। साथ ही वह आध्यात्मिक समृद्धि और संतोष का भी प्रतीक हैं। धार्मिक मान्यता है जिस जगह माता लक्ष्मी का वास होता है, वहां सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। साथ ही ही भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।माता लक्ष्मी से मिलती ये चीजें (These things are obtained from Goddess Lakshmi)
धनलक्ष्मी- धन और समृद्धि की देवी।धान्यलक्ष्मी- अन्न और पोषण की देवी।
गजलक्ष्मी- शक्ति और सौभाग्य की देवी।
विद्यालक्ष्मी- शिक्षा और ज्ञान की देवी।
संतानलक्ष्मी- संतान सुख की देवी।