पुत्रदा एकादशी का महत्व
पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति और उनकी समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से दंपति को संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही जिनके बच्चे हैं। उनकी दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए भी यह व्रत शुभ फल देने वाला होता है।पुत्रदा एकादशी व्रत विधि
स्नान और संकल्प- पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें। इसके बाद नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा- पूजा स्थान पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र लगाएं। इसके बाद उन्हें पीले फूल, तुलसी पत्र, फल, और मिष्ठान अर्पित करें।पुत्रदा एकादशी का फल
पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा और व्रत करने से संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है। साथ ही अपने बच्चों की दीर्घायु और उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही यह व्रत जीवन में सकारात्मकता लाता है और सभी कष्टों को दूर करता है।इन बातों का रखें ध्यान
पुत्रदा एकादशी व्रत के दौरान सात्विक आहार का पालन करें।व्रत के अगले दिन द्वादशी पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें।
भगवान विष्णु की आराधना में पूरी श्रद्धा और विश्वास रखें।