लाल रंग के वस्त्र या फूल
शनि देव को नीला और काला रंग प्रिय होता है। उनकी पूजा में लाल रंग के वस्त्र या फूलों का उपयोग वर्जित माना गया है। ऐसा करने से शनि देव अप्रसन्न हो सकते हैं और उनके दंड का सामना करना पड़ सकता है।
नारियल तेल का प्रयोग ना करें
शनि देव को तिल का तेल अत्यंत प्रिय है। उनकी पूजा में सरसों, नारियल या अन्य किसी तेल का प्रयोग वर्जित है। पूजा में शुद्ध तिल के तेल का दीप जलाना शुभ माना जाता है।
बिना स्नान के पूजा
शनि देव की पूजा करने से पहले शरीर और मन की शुद्धता आवश्यक है। बिना स्नान किए पूजा करना अशुभ माना जाता है और इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
तुलसी और शंख का उपयोग न करें
शनि देव की पूजा में तुलसी पत्र और शंख का प्रयोग वर्जित माना जाता है। तुलसी माता को विष्णु जी की प्रिय मानी जाती हैं, जबकि शंख चंद्र से संबंधित है, जो शनि देव के विपरीत माने जाते हैं।
शनि देव की मूर्ति को सीधा न देखें
शनि देव को क्रूर ग्रह माना जाता है, इसलिए उनकी प्रतिमा को सीधा देखने की मनाही होती है। उनकी पूजा के दौरान उनकी प्रतिमा के चरणों में ध्यान लगाना चाहिए या तिरछे रूप से दर्शन करना चाहिए।
शनिवार को मांस-मदिरा का सेवन न करें
शनिवार के दिन मांसाहार और मदिरा का सेवन शनि देव की कृपा को बाधित कर सकता है। यह शनि दोष को बढ़ाने का कारण बन सकता है।
पूजा में चावल या दूध से बनी चीजों का अर्पण न करें
शनि देव की पूजा में दूध, दही या चावल से बनी चीजें चढ़ाना वर्जित माना जाता है। क्योंकि यह चंद्र ग्रह से जुड़ी होती हैं, जो शनि से विपरीत संबंध रखता है।
शनि देव की सही पूजा विधि
शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नीले या काले वस्त्र धारण करें। शनि मंदिर जाएं और वहां दीपक जलाएं। शुद्ध तिल के तेल का दीपक जलाएं और ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें। काले तिल, काली उड़द, लोहे का दान करें। जरूरतमंदों को भोजन कराएं और गरीबों की सहायता करें। हनुमान जी की पूजा करें, क्योंकि वे शनि के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
शनि दोष से बचने के उपाय
प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें। जरूरतमंदों को भोजन और काले वस्त्र दान करें। हर शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। नकारात्मक विचारों से बचें और हमेशा ईमानदारी से कार्य करें। शनि देव की पूजा में इन वर्जित चीजों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है और सही विधि से पूजा करता है, तो उसे शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। वहीं, लापरवाही या अज्ञानता से की गई पूजा दुष्परिणाम ला सकती है। इसलिए उपासकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
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