पड़ता है अशुभ प्रभाव
ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा ने बताया किहिंदू धर्म में 16 प्रकार के संस्कार बताए जाते हैं, इनमें से किसी भी संस्कार को संपन्न नहीं करना चाहिए। होलिका दहन 13 व 14 मार्च को होली खेली जाएगी। होलाष्टक के समय विशेष रूप से विवाह, वाहन खरीद, नए निर्माण व नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इन दिनों में किए गए शुभ कार्यों से कष्ट, अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है तथा विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार हो जाते हैं या फिर अकाल मृत्यु का खतरा या बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है। माना जाता है इस अवधि में किए शुभ और मांगलिक कार्यों पर इन ग्रहों का बुरा असर पड़ता है।ये ग्रह रहेंगे उग्र
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के दौरान आठ ग्रह उग्र अवस्था में रहते हैं। अष्टमी तिथि को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी तिथि पर शनि, एकादशी पर शुक्र, द्वादशी पर गुरु, त्रयोदशी तिथि पर बुध, चतुर्दशी पर मंगल और पूर्णिमा तिथि के दिन राहु उग्र स्थिति में रहते हैं।पूजा-पाठ व दान पुण्य का महत्व
ज्योतिषाचार्या पं. अनिष व्यास ने बताया कि होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस दौरान मौसम में तेजी बदलाव होता है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इन दिनों में अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना करने व व्रत उपवास करने से भी पुण्य मिलता है। इन दिनों में धर्म कर्म के कार्य वस्त्र अनाज व अपनी इच्छा व सामर्थ्य के अनुसार जरुरतमंदों को धन का दान करने से भी सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।होलाष्टक पर विशेष उपाय
संतान के लिए : यदि किसी कपल को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह होलाष्टक में लड्डु गोपाल की विधि विधान से पूजा पाठ करनी चाहिए। इस दौरान हवन भी करे जिसमें गाय का शुद्ध घी और मिश्री का इस्तेमाल करे।सुखमय जीवन के लिए : यदि आपके जीवन में अत्यधिक दुख हैं तो होलाष्टक में हनुमान चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुरू कर दे। इससे आपके सभी दुख समाप्त हो जाएंगे। जीवन में खुशियां ही खुशियां होगी।