धौलपुर. कृषि मंत्री डॉ.किरोड़ी लाल मीणा नकली खाद और बीज के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं। इस दौरान हजारों टन नकली ऊर्वरक और बीज जप्त कर फैक्ट्रियां सीज की गईं। धौलपुर शहर सहित देहातों में भी नकली खाद और बीज का धंधा फल-फूल रहा है। जिसको लेकर कृषि विभाग भी सतर्क है। इस सीजन विभाग अभी तक 76 नमूने ऊर्वरक, बीज और कीटनाशक के ले चुका है।मानसून की आमद के बाद अन्नदाता खरीफ फसल की बुवाई की तैयारियों में जुट गया है। खेती की जुताई करने के साथ किसान खाद और बीज खरीदने दुकानों पर उमड़ रहे हैं। लेकिन इस क्षेत्र में भी मिलावट का धंधा जोर पकडऩे से किसान इसका शिकार हो रहे हैं। शहर से लेकर देहातों में नकली खाद, बीज और कीटनाशक खुलकर बेचा जा रहा है। जिसके उपयोग से जहां फसल की पैदावर पर असर पड़ता है, वहीं जमीन की ऊर्वरा शक्ति भी क्षीण होती जाती है।
राज्य में एक ओर जहां नकली खाद और बीज के खिलाफ कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अभियान छेड़े हुए हैं। वहीं धौलपुर में कृषि विभाग भी सतर्क है। नकली खाद और बीज के बढ़ते कारोबार और किसानों को होने वाले नुकसान को रोकन कृषि विभाग इस सीजन यानी 15 मई से अभी तक 76 नमूने अधिकृत दुकानों से ले चुका है। जिनमें से 23 नमूने ऊर्वरक, 48 बीज और 5 नमूने कीटनाशक के लिए गए हैं। विभाग ने लिए इन नमूनों में से कुछ का परीक्षण हो चुका है जिनमें से 3 नमूने अमानक पाए गए हैं। जिनमें 2 नमूने ऊर्वरक और 1 नमूना कीटनाशक का है, जबकि शेष नमूनों का अभी परीक्षण शेष है। जिन प्रतिष्ठानों से यह नमूने अमानक पाए गए हैं विभाग उन्हें अब नोटिस जारी करेगा।
विभाग कर रहा किसानों को जागरूक जिले में खाद और बीज में बढ़ती मिलावटखोरी को देखते हुए कृषि विभाग मुश्तैद है। जिसको लेकर एक ओर दुकानों का निरीक्षण कर नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं। वहीं विभाग किसानों को उन्नत किस्म का खाद और बीज खरीदने में सतर्कता बरतने की सलाह दे रहा है साथ ही उन्नत बीज को लेकर उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है। जिससे किसान नकली ऊर्वरक और बीज खरीदने से बच सकें। और किसान जहां से भी खाद, बीज और कीटनाशक लें तो बिल अवश्य लें।
अधिकतर किसानों ने खरीदे बीज मानसून सीजन आते ही खरीफ फसल की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। जिसके लिए कृषि विभाग किसानों को बीज का वितरण किया जा रहा है। क्षेत्र के अधिकतर किसान बीज और कीटनाशक खरीद चुके हैं तो वहीं शेष किसान अभी भी दुकानों पर जाकर बीज और कीटनाश खरीद रहे हैं। खरीफ की फसल में बाजरा, मक्का, ढैंचा, तिल, मूंग, उड़द, सोयाबीन, धान सहित अन्य बीज भी शामिल हैं।
1 लाख 50 हेक्टेयर खरीफ फसल का लक्ष्य कृषि विभाग ने इस बार जिले में खरीफ फसल का लक्ष्य 1 लाख 50 हेक्टेयर रखा है। यानी पिछले सीजन की अपेक्षा इस सीजन 55 हेक्टेयर का रकवा बढ़ाया गया है। हालांकि यह इजाफा पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा नहीं है। क्योंकि पिछले वर्ष जिले में 95 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया था। खरीफ फसल के रूप में जिले में सबसे ज्यादा बाजरा की बुवाई होती है। इसलिए इस बार 94 हजार हेक्टेयर बाजरा बुवाई के लिए आवंटित किया है।
किसान खाद, बीज और कीटनाशक उन्नत दुकानों से ही खरीदें। सामग्री खरीदते समय जांच परख कर ही खरीदें साथ दुकानदार से बिल लेना न भूलें। -बबूल त्यागी, सहायक कृषि विस्तार अधिकारी किसान यह बरतें सावधानियां
– केवल अधिकृत दुकानों या सहकारी समितियों से ही उर्वरक खरीदें। – उर्वरक के बैग की सील, लेबल और अन्य विवरणों को ध्यान से देखें। – यदि उर्वरक बहुत सस्ता है, तो यह नकली हो सकता है।
– असली उर्वरक ठोस और दानेदार होता है, जबकि नकली उर्वरक पाउडर जैसा या चिपचिपा हो सकता है। – कुछ नकली उर्वरकों में तेज गंध हो सकती है। – जिंक सल्फेट हल्का सफेद या पीले भूरे रंग का होता है।
– पहचान के लिए डीएपी के घोल में जिंक सल्फेट मिलाने पर थक्केदार घना अवशेष बन जाए तो यह असली है।