यह भी पढ़ें:
CG Crime: शराब के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने पुलिस सक्रिय, 90 लीटर महुआ शराब जप्त दूसरी तरफ सरकार शराब की 67 नई दुकानें खोलने जा रही है। ऐसी योजनाएं सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करती है। उन्होंने नए सेटअप को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि सरकार प्राइमरी स्कूल में 30 और मिडिल स्कूल में 35 बच्चों पर एक
शिक्षक का प्रावधान ला रही है। इसके तहत प्रधानपाठक को भी शिक्षक की गिनती में रखा गया है। ऐसे में प्राइमरी स्कूलों में 18 विषयों की पढ़ाई केवल दो शिक्षकों से कैसे संभव होगी? मिडिल स्कूल में भी तीन कक्षाएं, छह विषय और 18 पीरियड्स के लिए दो ही शिक्षक रखे जा रहे हैं, जो पूरी तरह से अव्यवहारिक है।
साहू ने बताया कि प्रदेश में पहले से ही 58 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। हर महीने सैकड़ों शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। न प्रमोशन की व्यवस्था है, न स्पष्ट ट्रांसफर नीति और न ही समयमान वेतनमान मिल रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस निर्णय को जनहित में तत्काल वापस लिया जाए। शिक्षा के स्थान पर शराब को बढ़ावा देने जैसी नीतियों पर रोक लगाई जाए।