CM yogi:
गोंडा जिले की वजीरगंज ब्लॉक क्षेत्र में स्थित पार्वती अरगा झील पर आयोजित वेटलैंड दिवस के कार्यक्रम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि गोंडा के लिए आज बड़ा दिन है। पार्वती अरगा को अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी।
आर्द्रभूमि के संरक्षण व संवर्धन के लिए मील का पत्थर साबित होगा यह प्रयास
मुख्यमंत्री योगी ने सांसद केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु विदेश राज्यमंत्री कीर्तवर्धन सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रयास आर्द्रभूमि के संरक्षण व संवर्धन के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
अयोध्या देवी पाटन के बीच एक नया प्रकृति संस्कृति पर्यटन कॉरिडोर बनेगा
केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तवर्धन सिंह ने कहा कि पार्वती अरगा का समग्र विकास मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रहा है। अयोध्या के पास होने से यहाँ पर पर्यटन की आपार संभावना है। अयोध्या से देवी पाटन के बीच एक नया प्रकृति संस्कृति पर्यटन का कॉरिडोर बनेगा। जिससे रोजगार को बढावा मिलेगा। उन्होंने पार्वती अरगा के महत्व से अवगत कराया।
वेटलैंड्स के मामले में उत्तर प्रदेश तमिलनाडु के बाद दूसरे स्थान पर
उत्तर प्रदेश में 1,33,434 वेटलैंडस हैं। जो इसके भौगोलिक क्षेत्र का 5.16 प्रतिशत हैं। ये वेटलैंडस प्रमुख रूप से गंगा, यमुना, रामगंगा, घाघरा, गोमती और राप्ती नदियों की घाटियों में स्थित हैं। इस राज्य में दस रामसर स्थल हैं। जो गंगा नदी का ऊपरी भाग, जो राज्य का पहला रामसर स्थल है। हैदरपुर वेटलैंडस, नवीनतम रामसर स्थल तक शामिल हैं। रामसर स्थलों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश तमिलनाडु के बाद देश में दूसरे स्थान पर आता है। उन्होंने बताया कि पार्वती अरगा पक्षी विहार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रामसर स्थल के रूप में सन 2019 में मान्यता मिली। गोंडा में 100 से अधिक छोटे बड़े वेटलैंडस हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि गोंडा की वेटलैंडस सिटी के रूप में पहचान बनने की पूरी संभावना है।
पार्वती अरगा झील को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने और इसे संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह झील वर्षों से अपनी जैव विविधता के लिए जानी जाती है। लेकिन अब इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने जा रही है। सरकार ने इसे एक महत्वपूर्ण वेटलैंड साइट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस आयोजन का उद्देश्य वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि) के संरक्षण और उनके महत्व को उजागर करना था।
89 रामसर साइट्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित करने का लक्ष्य
जीवन के लिए पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। पिछले 10 वर्षों में देश में 63 रामसर साइट्स को मान्यता मिली है। जो कि पिछले 65 वर्षों की तुलना में बहुत बड़ा कदम है। इस दशक में हमने 89 रामसर साइट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित करने का लक्ष्य रखा है। योगी ने झील की जैव विविधता और प्रवासी पक्षियों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि इस झील में हजारों किलोमीटर दूर से प्रवासी पक्षी आते हैं। जो पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वेटलैंड्स को संरक्षित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि भारत में कई महत्वपूर्ण वेटलैंड्स अतिक्रमण के कारण नष्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि झीलों और अन्य आर्द्रभूमियों को संरक्षित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस तरह की साइट्स को अक्सर अतिक्रमण का सामना करना पड़ता है। हमने देखा है कि देश में कई महत्वपूर्ण झीलें और जलाशय इसी कारण नष्ट हो गए हैं। सरकार ऐसे क्षेत्रों को संरक्षित करने के लिए नई योजनाओं पर काम कर रही है।
यहां से उत्पादों को मिला डिजिटल प्लेटफॉर्म,अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ समझौता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि वनटांगिया समुदाय और अन्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार उन्हें ऑनलाइन प्लेटफार्म से जोड़ेगी। “पहले लोग स्थानीय उत्पाद बनाते थे। लेकिन उन्हें उचित बाजार नहीं मिल पाता था। अब अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ समझौता किया है। जिससे स्थानीय उत्पादों को ऑनलाइन बेचा जा सकेगा। इससे हमारे कारीगरों और स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भरता मिलेगी। इस इलाके में इको टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार टिकरी जंगल को ओपन सफारी के रूप में विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है। इससे मंडल और अवध क्षेत्र में टूरिज्म को नया आयाम मिलेगा।
नहर को झील से जोड़ने का प्रयास प्रयास शुरू हो चुका
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने की जिम्मेदारी सरकार की होगी। आदित्यनाथ ने सरयु नहर परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार इस झील को इस महत्वपूर्ण नहर परियोजना से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इससे झील में जल आपूर्ति सुनिश्चित होगी। जल स्तर बना रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि “सरयु नहर परियोजना से इस झील को जोड़ा जाएगा। ताकि यहां जल की निरंतरता बनी रहे और पारिस्थितिक तंत्र सुरक्षित रहे। इससे क्षेत्र में कृषि और जल आपूर्ति को भी लाभ मिलेगा।
इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तवर्धन सिंह, गोंडा जिला प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान, प्रदेश के वन मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना, वन राज्यमंत्री के पी मलिक, वन महानिदेशक सुशील कुमार अवस्थी व अन्य अतिथियों ने पार्वती अरगा इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्रोग्राम, 85 रामसर साइट व वनटांगिया समुदाय पर केंद्रित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।