UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में चलेंगी तेज झोंकेदार हवाएं, बदलने जा रहा मौसम का मिजाज
प्रतियोगिता का उद्देश्य: चेतना और सृजन का संगम
इस प्रतियोगिता का प्रमुख उद्देश्य युवाओं को पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाना था। उन्हें अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से समाज को जागरूक करने का मंच प्रदान किया गया।प्रतियोगिता के विषयों में शामिल थे
1.पर्यावरण संरक्षण में युवाओं की भूमिका 2.प्लास्टिक प्रदूषण: समस्या और समाधान” 3.एक पेड़ – अनेक लाभ 4.नील गगन पूर्वांचल: एक जन आंदोलन 5.जलवायु परिवर्तन और सतत विकासप्रतिभागियों की रचनात्मक उड़ान
प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपने विचारों को रंगों, स्केच, पेंट और क्रेयॉन के माध्यम से इतनी जीवंतता से प्रस्तुत किया कि दर्शकों और निर्णायकों को प्रभावित किए बिना नहीं रह सके। कई प्रतिभागियों ने अपने पोस्टरों में पौधारोपण, जल संरक्षण, नदियों की रक्षा और प्लास्टिक उन्मूलन जैसे मुद्दों को बेहद संवेदनशीलता और कल्पनाशीलता से प्रस्तुत किया।अध्यक्षीय वक्तव्य और टीम की सराहना
UYAP के अध्यक्ष श्री नारायण दत्त पाठक ने कहा,“आज के इस कार्यक्रम में हमने देखा कि किस प्रकार हमारी युवा पीढ़ी पर्यावरण के लिए न केवल चिंतित है, बल्कि रचनात्मक रूप से अपनी भूमिका निभाने के लिए भी तैयार है। ऐसे आयोजन उन्हें सशक्त करने का माध्यम हैं।”
अभय सिंह, सह-संस्थापक
सह संस्थापक अभय सिंह ने कहा कि नील गगन पूर्वांचल केवल एक जागरूकता अभियान नहीं है, बल्कि यह युवा नेतृत्व को सशक्त करने और उन्हें समाज की भलाई के लिए प्रशिक्षित करने का एक मंच है।कार्यक्रम सहयोग और संचालन
प्रतियोगिता के सफल संचालन में वरुण, शिखा और प्रिंस की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। उन्होंने पंजीकरण, सामग्री वितरण, मूल्यांकन प्रक्रिया और समन्वय में सक्रिय योगदान दिया। निर्णायकों द्वारा श्रेष्ठ पोस्टरों का चयन किया गया, जिन्हें आगामी समापन कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र (Certificate of Participation) भी प्रदान किया गया।“नील गगन पूर्वांचल”: एक जन आंदोलन की ओर
UYAP द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान पूर्वांचल के युवाओं को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, प्रशिक्षण और जिम्मेदारी जैसे मुद्दों के लिए तैयार कर रहा है।इससे पूर्व वृक्षारोपण, कचरा पृथक्करण अभियान, इकोब्रिक प्रशिक्षण, ग्रीन प्लेज कैम्पेन जैसी अनेक गतिविधियाँ आयोजित हो चुकी हैं, और अंतिम चरण में पब्लिक स्पेस गोद लेने और सामूहिक जागरूकता रैली जैसी पहलें जारी हैं।