गुना के पटना गांव के बृजेश कुशवाह ने बेटी हर्षिता को 5 मार्च को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बृजेश का आरोप है कि, अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरती गई। गुरुवार रात बेटी की तबीयत बिगड़ी तो डॉ. मनीष जैन को तीन बार कॉल किया। उन्होंने बात नहीं की। फिर शुक्रवार सुबह उसे भोपाल रेफर कर दिया गया।
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हर्षित को याद कर पिता बृजेश फफक पड़े। उन्होंने बताया, एम्बुलेंस में दो सिलेंडर रखे थे। बेटी ऑक्सीजन पर थी। महज ढाई घंटे में ही दोनों खाली हो गए। वो नजरों के सामने तपड़ रही थी। सुबह 8.30 बजे चालक बबलू ने हर्षिता को ब्यावरा सिविल अस्पताल के पास रोड पर ही छोड़ दिया। वे रेफरल पर्चा भी साथ ले गए। बाद में दूसरी एम्बुलेंस की मदद से पर्चा मंगाना पड़ा।