बेटी को खोने का दर्द नहीं झेल पाए पिता
उनका दुख बेटी की पसंद से नहीं, बल्कि उसे खो देने की पीड़ा से उपजा था, जो सुसाइड नोट में छलक रहा है। संजू की बेटी हर्षिता (21) ने पड़ोसी युवक आनंद अटालिया से प्रेम विवाह किया था। जब यह बात सामने आई तो परिवार ने विरोध किया, बेटी को समझाया। बेटी अपने फैसले पर अडिग रही। मामला कोर्ट पहुंचा। अदालत में बेटी ने साफ कहा कि वह बालिग है और पति के साथ रहना चाहती है। यही बयान संजू की सहनशक्ति का अंत बन गया। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट और लाइसेंसी बंदूक जब्त की है। परिजन के बयान लिए जा रहे हैं।
खुदकुशी से पहले लिखा सुसाइड नोट
खुदकुशी से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में पिता ने लिखा, ‘यह कैसा कानून है जो बेटी के बालिग होते ही पिता से उसके सारे अधिकार छीन लेता है? बेटी को अपनी मर्जी से जीने का हक है, लेकिन क्या एक पिता की भावनाओं की कद्र भी नहीं? क्या एक पिता की भूमिका बेटी के बालिग होते ही खत्म हो जाती है?’
समाज के लिए आत्मचिंतन का विषय
यह घटना एक पारिवारिक त्रासदी भर नहीं, बल्कि समाज के लिए आत्मचिंतन का विषय है। जहां एक ओर बेटियां आजादी से जीवन के फैसले ले रही हैं, वहीं कई परिवारों में अब भी इस बदलाव को स्वीकारना आसान नहीं हो रहा। यह जरूरी है कि हम संवेदनाओं के साथ संवाद भी करें, ताकि प्रेम, अधिकार और आत्मसम्मान की लड़ाई में कोई भी जीवन हार न जाए।