इससे ना केवल शहर का विस्तार होगा, बल्कि यहां उद्योग और व्यवसाय के विस्तार भी खुलेंगे और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही यहां रेल, एयर कनेक्टिविटी बढ़ने से ग्वालियर में इंफ्रा, पर्यटन, चिकित्सा व स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार होगा। इसके अलावा ग्वालियर को विकास के लिए अधिक राशि भी मिल सकेगी।
ऐसे बदलेगी तस्वीर
-शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा। -दतिया, मुरैना व भिण्ड के शामिल होने से ग्वालियर में आबादी बढ़ेगी। -रिंग रोड, फ्लाईओवर, एलीवेटेड रोड के साथ मेट्रो ट्रेन, ई बस सेवा सड़क निर्माण का बड़ा नेटवर्क। -उद्योग व व्यवसाय के बड़े केन्द्र स्थापित होंगे और विदेशी कंपनी भी शहर में आएंगी।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुधरेगा, मेट्रो व बसें चलेंगी
अभी भोपाल व इंदौर को मेट्रो ट्रेन की सौगात मिल चुकी है। हालांकि ग्वालियर से शहर में मेट्रो चलाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन फिर भी ग्वालियर इस मामले में अभी पीछे है, यदि शहर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनने की सौगात मिलती है तो जल्द ही शहर में मेट्रो ट्रेन चालू हो जाएगी। साथ ही इलेक्ट्रिकल बस व ट्रेन का संचालन हो सकेगा। हालांकि ग्वालियर में 525 करोड़ की लागत से रेलवे स्टेशन का जीर्णोद्धार हो रहा है। ये भी पढ़ें:
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वर्तमान में ग्वालियर की अन्य शहरों में कम संख्या में एयर कनेक्टिविटी होने से बार-बार इसी मुद्दे को उठाया जाता है। हालांकि ग्वालियर में करीब 550 करोड़ से यहां अत्याधुनिक एयरपोर्ट बनाया गया है। लेकिन शहरवासियों का मानना है कि मेट्रोपॉलिटन सिटी बनने से ग्वालियर आर्थिक व औद्योगिक गतिविधि बढ़ने के साथ ही एयर कनेक्टिविटी का भी विस्तार होगा।
बदलेगा नजरिया
अभी केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही प्लानिंग एजेंसियां भी ग्वालियर को एक महानगर के रूप में देखती है। डवलपमेंट के लिए जरूरत के हिसाब से राशि नहीं मिल पाती, लेकिन मेट्रोपॉलिटिन सिटी के बनने से केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही प्लानिंग एजेंसियों का भी नजरिया बदलेगा और विकास कार्य के लिए बड़े पैकेज भी मिलेंगे।
2015 में भी भेजा था प्रस्ताव
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग चंबल संभाग से सेवानिवृत संयुक्त संचालक वीके शर्मा ने बताया, 2015 में ग्वालियर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने शहर को मेट्रोपॉलिटन सिटी में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।