शहर में 10 हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा दौड़ रहे हैं। यह चौराहों सहित भीड़ वाले बाजारों में ट्रैफिक को बिगाड़ रहे हैं। शहर में चलने का परमिट भी नहीं लिया है। महाराज बाड़ा, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित अन्य जगहों पर इनका जमावड़ा अधिक रहता है और सड$क जाम रहती है।
ऑटो रिक्शा से लगने वाले जाम को कम करने के लिए ऑटो को भी शिफ्ट में चलाने की तैयारी की है। दोपहर 3 बजे से रात 3 बजे व रात 3 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच ऑटो रिक्शा चल सकते हैं। इसके लिए कलर कोडिंग होगी। इसके अलावा सड$क सुरक्षा समिति की बैठक में ई रिक्शा की शिफ्ट की भी समीक्षा की जाएगी।
10 साल तक ही चल सकता है ऑटो
शहर में डीजल और पेट्रोल के ऑटो रिक्शा को बंद कर दिया गया है। 2011 से सीएनजी ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था। इन्हें 10 साल तक चलाया जा सकता है। आर सीरीज के ऑटो रिक्शा अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। इन्हें न परमिट मिल सकता है और न शहर में चल सकते हैं, क्योंकि इनसे प्रदूषण फैलता है। शिफ्ट में चलाने के लिए ऑटो का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन में पुराने ऑटो सामने आ सकते हैं, जिन्हें चलने की अनुमति नहीं है। 11 दिसंबर 2011 से 10 दिसंबर 2021 के बीच 8 हजार 483 ऑटो रिक्शा रजिस्टर्ड हुए। यह ऑटो रिक्शा उम्र पूरी कर चुके हैं।
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा
पिछली बैठक का पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट और अनुमोदन पेश किया जाएगा। यातायात पुलिस ने डबरा, भितरवार सहित अन्य मार्गों पर चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर चर्चा नगर निगम की पार्किंग व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। स्मार्ट सिटी के कंट्रोल कमांड सेंटर से किए गए ई चालान की वसूली की समीक्षा स्मार्ट सिटी द्वारा लगाए कैमरे, बस स्टॉप के उपयोग की समीक्षा पीक अवर्स में प्रशासनिक अधिकारियों के भ्रमण की समीक्षा।