सूत्रों से मिला जानकारी के अनुसार, इस बार प्रदेश सरकार ने शराब से करीब 16,000 रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा है। इसलिए शराब दुकानों के लाइसेंस में 20 फीसदी बढ़ोतरी की जा रही है। पिछली बार 15 फीसदी वृद्धि के साथ प्रदेश की 3,600 शराब दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया नवीनीकरण/लॉटरी एवं ई-टेंडर के माध्यम से की गई थी।
सिंगल दुकान नीलाम करने से हो सकती परेशानी…
बड़े ठेकेदारों की मोनोपॉली को खत्म करने के लिए
एमपी सरकार ने वर्ष-2022 में सिंगल ग्रुप सिस्टम को खत्म कर छोटे-छोटे समूह बनाकर नीलामी की शुरुआत की थी। लेकिन अब इस सिस्टम को खत्म कर सिंगल-सिंगल दुकान नीलाम करने की तैयारी हो रही है। इससे सबसे बड़ी परेशानी यह होगी कि जो प्रमुख दुकानें हैं उन पर ठेकेदारों का फोकस रहेगा और जहां बिक्री कम वहां वे नीलामी में शामिल नहीं होंगे। सिंगल दुकान होने से ठेकेदार मनमानी से कीमतों पर शराब बचेंगे, जिससे विवाद की नौबत आ सकती है।
मंत्रि-परिषद समिति का गठन….
राज्य शासन ने वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति (MP Excise Policy 2025)के निर्धारण एवं अनुषांगिक विषयों पर निर्णय लेने के लिए मंत्रि-परिषद समिति का गठन किया था। समिति में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, महिला-बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत को शामिल किया गया था, जबकि प्रमुख सचिव वाणिज्यकर समिति के सचिव थे।