खास बात यह है कि ऐसे विषय जो स्टूडेंट्स ने स्नातक में नहीं भी पढ़े हैं, उनमें भी पीजी कर सकेंगे। नई शिक्षा नीति के नोडल अधिकारी गजेंद्र रायपूरिया ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अगर किसी विद्यार्थी ने यूजी में इकोनामिक्स ऑनर्स के साथ पॉलिटिकल साइंस, हिस्ट्री जैसे मेजर सब्जेक्ट लिए हैं और दूसरे माइनर विषय चुने हैं, तो इनमें से किसी भी विषय में वह मास्टर की डिग्री ले सकेंगे। इस तरह से उसके बाद बहुत सारे विषयों में पीजी कोर्स करने के विकल्प होंगे।
ये भी पढ़ें: खुशखबरी- 6 दिन बंद रहेंगे स्कूल, बच्चों-टीचर्स दोनों की रहेगी छुट्टी पीजी में प्रवेश के लिए क्लियर करना होगा टेस्ट
नई शिक्षा नीति को लेकर अफसरों ने बताया कि नए विषय के लिए स्टूडेंट को पीजी में प्रवेश के लिए टेस्ट को क्लियर करना होगा। यूजीसी ने नए फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी है। यह नई व्यवस्था अगले शिक्षा सत्र से लागू की जा सकती है।
अनिवार्य नहीं रहेगा मेजर विषय
अधिकारियों का कहना है कि नए पीजी करिकुलम फ्रेमवर्क में स्टूडेंट्स को एक संकाय से दूसरे संकाय के विषय को बदलने की सुविधा दी गई है। इसमें स्टूडेंट्स ने यूजी में मेजर या माइनर जो भी विषय पढ़े होंगे, उनमें से किसी भी संकाय के विषय को लेकर स्टूडेंट पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकता है। जबकि अभी तक पीजी के लिए मेजर विषय का होना जरूरी था।