ये भी पढें – प्रयागराज में भारी भीड़, एमपी से जाने वाली 16 ट्रेनें कैंसल, देखें लिस्ट मौसम विभाग के अनुसार सिस्टम के कमजोर पड़ने के बाद हवा का रुख उत्तर दिशा से होगा। उत्तरी हवा चलने पर रात के तापमान में गिरावट आएगी। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से फरवरी का मौसम प्रभावित हो गया है। हर सप्ताह दो पश्चिमी विक्षोभ आए हैं, जिससे उत्तर हवा स्थिर नहीं हो सकी। राजस्थान की ओर से हवा चलने की वजह से दिन का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जिससे सर्दी ढलान पर आ गई थी। दिन में गर्म कपड़े पहनने की जरूरत नहीं पड़ रही थी, लेकिन इस बार राजस्थान में मजबूत चक्रवातीय घेरा विकसित हुआ और कश्मीर से पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है।
यहां बरसेंगे बादल
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को एमपी के भिंड और मुरैना जिले में हल्की गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। इसके आलावा ग्वालियर, दतिया, श्योपुर कलां और छतरपुर जिले में भी हल्की बारिश होने के आसार है। वहीँ अन्य सभी जिलों में मौसम में ख़ास परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। ये भी पढें – बड़ी खबर : 22 से 25 मार्च तक लगातार चार दिन बंद रहेंगे बैंक सुबह अचानक बादल छाए
मंगलवार सुबह बादल छा गए। रुक-रुककर बूंदाबांदी हुई। दिन में धूप भी नहीं निकली, जिसकी वजह से सर्दी बढ़ गई। अधिकतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस से घटकर 24.9 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। सामान्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस कम रहा। इससे सर्दी का अहसास हुआ।
मौसम बदलने से फसलों को फायदा
● फरवरी में दिन का तापमान बढ़ने से फसलें प्रभावित हो रही थी। फसलों में पकाव जल्द आने की संभावना थी, जिससे उत्पादन घट सकता था, लेकिन मौसम में ठंडक आने से चना, गेहूं के लिए फायदे मंद है। ● धान की वजह से इस बार डबरा-भितरवार में गेहूं की फसल देर से बोई गई थी। ऐसी फसल के लिए यह सर्दी फायदेमंद है।