1. पीलिया: पीला रंग, पर खतरा गहरा
अगर आपकी त्वचा या आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ने लगे तो यह पीलिया का लक्षण है। हम अक्सर इसे लिवर की समस्या या पित्त की पथरी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह अग्नाशय कैंसर का एक शुरुआती और अहम संकेत भी हो सकता है। ऐसा तब होता है जब ट्यूमर पित्त नली को ब्लॉक कर देता है, जिससे बिलीरुबिन (एक पीला पदार्थ) शरीर में जमा होने लगता है।पीलिया के साथ आपको ये भी दिख सकता है:
गहरे रंग का पेशाब: ऐसा लगेगा जैसे चाय या भूरा रंग हो। हल्के रंग का या चिकना मल: इसमें चिकनाई महसूस हो सकती है और यह पानी पर तैर भी सकता है क्योंकि वसा का पाचन ठीक से नहीं हो पा रहा होता।2. बिना वजह वजन कम होना: क्या पतला होना हमेशा अच्छा है?
अचानक और बिना किसी वजह के वजन घटना किसी भी कैंसर का एक बड़ा चेतावनी संकेत होता है और अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) में तो यह खाससकर देखा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ट्यूमर या तो पाचन क्रिया को प्रभावित करता है या भूख कम कर देता है। आपको लग सकता है कि आप कम खा रहे हैं या जल्दी पेट भर जाता है भले ही आपकी खाने की आदतें न बदली हों। अग्नाशय कैंसर पाचन एंजाइमों के उत्पादन को कम कर सकता है जिससे भोजन को ठीक से पचाना मुश्किल हो जाता है।3. पेट या पीठ में दर्द: सिर्फ गैस या कुछ और?
पेट के ऊपरी हिस्से या बीच पीठ में दर्द होना अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) का एक आम लक्षण है लेकिन इसे अक्सर लोग बदहजमी, मांसपेशियों में खिंचाव या मामूली समस्या मानकर अनदेखा कर देते हैं। अग्नाशय कैंसर में यह दर्द तब होता है जब ट्यूमर आसपास के अंगों या नसों पर दबाव डालता है।4. थकान और कमजोरी: आराम से भी क्यों नहीं जा रही?
बिना किसी स्पष्ट कारण के बहुत ज्यादा थका हुआ या कमजोर महसूस करना भी एक शुरुआती संकेत हो सकता है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) से जुड़ी थकान शारीरिक गतिविधि के कारण नहीं होती और आराम करने से भी बेहतर नहीं होती, चाहे आप पूरी नींद क्यों न ले लें।
5. पाचन संबंधी समस्याएं : क्या आपका पेट अक्सर खराब रहता है?
अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) पाचन तंत्र के कुछ हिस्सों को अवरुद्ध करके या एंजाइम उत्पादन को कम करके पाचन को प्रभावित कर सकता है। इससे कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं:श्रेणी | आंकड़ा (लगभग) | टिप्पणी |
नए मामले (2022) | 510,992 | यह 2022 में अग्नाशय कैंसर के कुल नए मामलों की वैश्विक संख्या है। |
मौतें (2022) | 467,409 | यह 2022 में अग्नाशय कैंसर से हुई कुल मौतों की वैश्विक संख्या है। नए मामलों और मौतों की संख्या में बहुत कम अंतर, इस कैंसर की उच्च मृत्यु दर को दर्शाता है। |
सभी कैंसर में स्थान | घटना (Incidence): 12वां सबसे आम कैंसर मृत्यु दर (Mortality): 6वां सबसे बड़ा कारण | अग्नाशय कैंसर नए मामलों की संख्या में 12वें स्थान पर है, लेकिन कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में यह 6वें स्थान पर आता है, जो इसकी गंभीरता और खराब पूर्वानुमान को दर्शाता है। |
5 साल की जीवित रहने की दर | लगभग 13% (वैश्विक औसत, विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न) | अग्नाशय कैंसर की जीवित रहने की दर अन्य प्रमुख कैंसर की तुलना में बहुत कम है। यह दर इस बात को दर्शाती है कि निदान के 5 साल बाद कितने प्रतिशत मरीज़ जीवित रहते हैं। |
सर्वाधिक मामले/मौतें वाले देश (2022) | चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान | इन देशों में अग्नाशय कैंसर के नए मामले और इससे होने वाली मौतें सबसे ज्यादा दर्ज की गई हैं। भारत भी मौतों के मामले में शीर्ष 10 देशों में शामिल है (2022 में 12,759 मौतें, 0.90 प्रति 100,000 की आयु-मानकीकृत दर)। |
क्षेत्रीय भिन्नता | उच्च आय वाले देश: घटना दर ज़्यादा यूरोप और उत्तरी अमेरिका: उच्चतम घटना दरें | अग्नाशय कैंसर की घटना दरें उच्च मानव विकास सूचकांक (HDI) वाले देशों में चार गुना ज्यादा हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप में विश्व औसत से काफी अधिक दरें देखी जाती हैं। |
उम्र और लिंग | पुरुषों में थोड़ा ज्यादा ज़्यादातर 60-80 साल की उम्र में | यह कैंसर पुरुषों में महिलाओं की तुलना में थोड़ा अधिक सामान्य है। ज्यादा मामले 60 से 80 वर्ष की आयु के लोगों में देखे जाते हैं, हालांकि अब युवाओं में भी मामले बढ़ रहे हैं। |
बढ़ती प्रवृत्ति | पिछले 25 वर्षों में घटनाओं में 55% और मौतों में 53% की वृद्धि (2017 तक) | पिछले कुछ दशकों में अग्नाशय कैंसर के नए मामलों और इससे होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है जो इसे एक बढ़ती हुई वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनाती है। |