Toxic Air Before Pregnancy : प्रेगनेंसी से पहले जहरीली हवा में सांस लेने से बच्चों में बढ़ता है मोटापा
एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया है कि गर्भधारण से पहले की अवधि में वायु प्रदूषण, खासतौर पर पीएम 2.5, पीएम 10 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) के संपर्क में आने से बच्चों में मोटापे का खतरा बढ़ सकता है।
Breathing Toxic Air Before Pregnancy Increases Obesity Risk in Children
Toxic Air Before Pregnancy : वायु प्रदूषण का प्रभाव न केवल वर्तमान स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों पर भी गहरा असर डाल सकता है। हाल ही में किए गए एक शोध ने गर्भधारण (Pregnancy) से पहले प्रदूषण के संपर्क और बच्चों में मोटापे के बीच संबंध उजागर किया है।
Toxic Air Before Pregnancy : गर्भधारण से पहले का समय क्यों महत्वपूर्ण है?
अमेरिका और चीन के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने अध्ययन में पाया कि गर्भधारण से पहले के तीन महीने गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए निर्णायक हो सकते हैं। इस अवधि के दौरान पीएम 2.5, पीएम 10 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषणकारी तत्वों के संपर्क में आने से शुक्राणु और अंडों की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शोध के मुख्य निष्कर्ष
बच्चों का वजन बढ़ने का खतरा
शोध के अनुसार, गर्भधारण से पहले पीएम 2.5 के उच्च स्तर के संपर्क में रहने वाली माताओं के बच्चों में दो साल की उम्र तक बीएमआईजेड में 0.078 की वृद्धि देखी गई। वहीं, पीएम 10 के संपर्क से बीएमआई में 0.093 किग्रा/एम2 की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
पाया गया कि जहरीली हवा में सांस लेने वाली माताओं के बच्चों का वजन छह महीने की उम्र से ही सामान्य से अधिक बढ़ने लगा।
वायु प्रदूषण और शिशु का स्वास्थ्य
शोध में यह स्पष्ट किया गया कि गर्भधारण से पहले प्रदूषण का प्रभाव सीधे तौर पर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। यह मोटापे के खतरे को बढ़ाकर उनके शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है।
शोधकर्ताओं का सुझाव
दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता जियावेन लियाओ ने कहा, “गर्भधारण से पहले के तीन महीने अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। जो दंपति बच्चे की योजना बना रहे हैं, उन्हें प्रदूषण के संपर्क से बचने के उपाय करने चाहिए।”
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कैक स्कूल ऑफ मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर झांगहुआ चेन का कहना है, “भले ही प्रदूषण का प्रभाव छोटा दिखाई दे, लेकिन यह बच्चों के मोटापे के खतरे को बढ़ा सकता है। यह समस्या माताओं के गर्भधारण से पहले शुरू हो सकती है।”
गर्भधारण की योजना बना रहे दंपतियों को स्वच्छ वातावरण में रहने और प्रदूषण से बचने का प्रयास करना चाहिए।
शोध की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि इस विषय पर और अधिक गहन अध्ययन की आवश्यकता है ताकि वायु प्रदूषण के प्रभावों को बेहतर तरीके से समझा जा सके। यह शोध इस बात की पुष्टि करता है कि वायु प्रदूषण न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा है। गर्भधारण की योजना बनाते समय दंपतियों को प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए ताकि उनके बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।
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