यूरिक एसिड बढ़ने का कारण
यूरिक एसिड शरीर में जमा होने वाला एक प्रकार का अपशिष्ट (waste) होता है, जिसे किडनी के माध्यम से बाहर निकाला जाता है। लेकिन जब हम अधिक मात्रा में प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। यह एसिड धीरे-धीरे जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाता है, जिससे दर्द, सूजन और जकड़न जैसी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो यह किडनी डैमेज और दिल की बीमारियों जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
रात के समय दाल से बनाएं दूरी
दालों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो प्यूरीन के स्तर को बढ़ा सकती है। यदि किसी व्यक्ति को यूरिक एसिड (Uric Acid) की समस्या है, तो खासतौर पर रात में दाल का सेवन करने से बचना चाहिए। रात के समय शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे ये खाद्य पदार्थ ठीक से पच नहीं पाते और यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए सोने से पहले हल्का भोजन ही करें।
मीठी चीजों का सेवन कम करें
जिन लोगों को गाउट या यूरिक एसिड की शिकायत है, उन्हें मीठी चीजों से परहेज करना चाहिए, खासकर मीठे ड्रिंक्स और डेसर्ट्स से। शुगर, विशेषकर फ्रक्टोज़, शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ा सकता है। रात में मीठा खाने से जोड़ों में सूजन और दर्द की शिकायत बढ़ सकती है, जिससे नींद पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि रात में मीठे का सेवन न करें। इसे भी पढ़ें-
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रेड मीट, ऑर्गन मीट (जैसे लिवर) और सीफूड्स जैसे उत्पादों में प्यूरीन की मात्रा काफी अधिक होती है। इनका सेवन रात के समय
यूरिक एसिड के स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है। इसलिए जो लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें रात के भोजन में मांसाहारी चीजों से परहेज करना चाहिए।
शराब और बीयर से रखें परहेज
शराब, खासकर बीयर, यूरिक एसिड बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण होती है। यह शरीर को डिहाइड्रेट कर देती है, जिससे किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती और शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। अगर आप यूरिक एसिड की समस्या से परेशान हैं, तो रात के समय शराब और बीयर से पूरी तरह दूरी बनाए रखें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।