सी फूड और आयुर्वेद का दृष्टिकोण
जानकारों के अनुसार मॉनसून में वात और पित्त की वृद्धि होती है, जिससे शरीर का पाचन कमजोर हो जाता है। ऐसे में भारी भोजन जैसे मछली से बचना चाहिए ।
स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी
जानकारों के मुताबिक पानी में कीड़े, विषाक्त रसायन, और भारी धातु जैसे कि मरकरी का स्तर बढ़ सकते हैं—जो लंबे समय से खपत करने पर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस मौसम में मछली बहुत जल्दी सड़ जाती है
जानकारों के अनुसार मॉनसून में उच्च आर्द्रता व नमी के कारण मछली बहुत जल्दी सड़ जाती है। ऐसे में मछली बाहर से भले ही ताज़ा दिखें, अंदर से असुरक्षित हो सकती हैं। इसके अलावा, मछली फ्रेश रहने के लिए की गई प्रिज़रवेशन नार्मल पोषण को भी प्रभावित करते हैं ।
टायफाइड, हैपेटाइटिस-A और गेस्ट्रोएंटेराइटिस फैलने का अंदेशा
बारिश के दौरान टायफाइड, हैपेटाइटिस-A और गेस्ट्रोएंटेराइटिस जैसी बीमारियाँ फैलने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। संक्रमित मछली खाने से ये बीमारियाँ और तेज हो सकती हैं। बारिश के मौसम में मछली सेहत के लिए जोखिम भरी हो सकती है—इसलिए इस सीजन में इसे खाने से परहेज़ करना ही सुरक्षित और जिम्मेदार विकल्प है।
मछली की सप्लाई चेन और हैंडलिंग की नियमित जांच करे
लोगों का मानना है कि स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वह मॉनसून में मछली की सप्लाई चेन और हैंडलिंग की नियमित जांच करे, जैसे फ़्रिज तापमान, ताज़गी, और विक्रेता प्रमाणिकता की निगरानी करना।
किसानों और मछुआरों को जागरुक करना चाहिए
किसानों और मछुआरों को मछली प्रजनन के लिए उपयुक्त संरक्षण के लिए जागरुक करना चाहिए,इसे सरकार के 61‑दिवसीय पारिस्थितिक ट्रॉल बंद से जोड़कर प्रचारित किया जा सकता है।
बारिश में मछलियाँ प्रदूषित पानी में रहती हैं,इन दिनों मछली से बचना बेहतर है (doctor warn monsoon fish)
डॉ.अशोकसिंह राठौड़ ने संपर्क करने पर बताया कि बारिश के दौरान मछलियाँ प्रदूषित पानी में रहती हैं और उनमें बैक्टीरिया होने की आशंका अधिक होती है, इसलिए ये खाने योग्य नहीं रहतीं। मछलियों को ताज़ा रखने के लिए रसायनों का इस्तेमाल होता है। मॉनसून में ज्यादा प्रिज़रवेटिव्स मिलती हैं, जो उन्हें विषाक्त बना देती हैं। इसलिए इन दिनों मछली से बचना बेहतर है।