मरुदेवा सेवा समिति की अध्यक्ष मंजू मांडोत रेवतड़ा ने बताया कि हमने उम्मीद की थी कि थोड़े बहुत कपड़े और किताबें मिलेंगी, लेकिन लोगों ने जो प्रेम और सहयोग दिखाया, उसने हमारी कल्पना से भी अधिक परिणाम दिए। इतनी सामग्री हो गई है कि अब इन्हें जरूरतमंदों तक पहुंचाने में एक माह से अधिक का समय लग सकता है।
इस पूरे अभियान में समिति के कई सदस्यों ने दिन-रात मेहनत की। समिति की जया मुणोत, रेखा तेलीसरा, पिंकी भंडारी, अरूणा डूमावत, नीतू भंसाली के साथ ही बंटी डूमावत, प्रभा कांकरिया, पिंकी तातेड़, मधु पालरेचा, निर्मला विनायकिया, प्रभा मुणोत, निर्मला भंडारी, नलिना, शांता समेत अन्य सदस्यों का सहयोग रहा। समिति की सदस्यों के साथ ही मरुदेवा नेक्स्ट जेन के सदस्यों ने न केवल संग्रहण का कार्य किया बल्कि प्रत्येक वस्तु को छांटने, साफ-सफाई करने और व्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वासू पूज्य संघ का भी भरपूर सहयोग मिला।
यह पहल न केवल समाज सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाती है कि यदि नेक इरादा हो, तो समाज का हर वर्ग मदद के लिए आगे आता है। यह अभियान निस्संदेह अन्य संगठनों को भी इसी प्रकार के सेवा कार्यों के लिए प्रेरणा देगा। मरुदेवा सेवा समिति का उद्देश्य सिर्फ सामग्री एकत्र करना नहीं था, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को जाग्रत करना भी था। बच्चों की पढ़ाई के लिए पुरानी पुस्तकें, जरुरतमन्दों के लिए कपड़े, इन सबका समाज में गहरा महत्व है। इस अभियान ने समाज के संवेदनशील पक्ष को उजागर किया।