मुनि: आज का युवा देर रात तक मोबाइल पर लगा रहता है और सुबह देर से उठता है। उसकी दिनचर्या अव्यवस्थित हो गई है। इसका असर उसके जीवन और धर्म से जुड़ाव पर पड़ा है।
मुनि: 17 वर्ष की उम्र के बाद ही, वो भी आवश्यकता पडऩे पर। मोबाइल का दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है। इसकी जगह धर्मग्रंथ पढऩे की प्रेरणा दी जानी चाहिए।
मुनि: हर शनिवार-रविवार को 6 से 20 वर्ष तक के बच्चों के लिए शिविर होंगे, जिसमें पूजा, धर्म-शिक्षा, व्यवहार और पारिवारिक मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी।
मुनि: 28 जुलाई से 29 अगस्त तक शत्रुंजय तप होगा। बच्चों के लिए 72 बियासणे भी कराए जाएंगे। हर किसी को इसमें जुडऩा चाहिए। प्रश्न: परिवार टूटने की मुख्य वजह क्या है?
मुनि: सहनशीलता की कमी। लोग छोटी बातों में झगड़ जाते हैं, रिश्तों को निभाने का धैर्य कम हो गया है।
मुनि: संयुक्त परिवार में सहयोग, प्रेम और सुरक्षा होती है। एकल परिवार में ये भाव कमजोर पड़ जाते हैं। प्रश्न: कम उम्र में बीमारियों का कारण क्या है?
मुनि: खान-पान बिगड़ गया है। बाहर का खाना, जंक फूड और असात्विक भोजन बीमारियों को न्योता दे रहे हैं।
मुनि: दिखावा नहीं करना चाहिए। वही धन अगर जरूरतमंदों की मदद में लगाया जाए तो उसका पुण्य भी मिलेगा और समाज भी उठेगा। प्रश्न: क्या आज के संस्कार कमजोर हो गए हैं?
मुनि: संस्कार तो गर्भ से ही शुरू हो जाते हैं, लेकिन आज मोबाइल, गुस्सा और भागदौड़ की जिंदगी ने बच्चों पर बुरा असर डाला है।