सांसद चौधरी ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव पहल में चुनावों को सुव्यवस्थित करके और लोकतांत्रिक शासन को बढ़ाकर भारत की चुनावी प्रक्रियाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है। कमेटी के अध्यक्ष होने के नाते उनकी कोशिश और जिम्मेदारी रहेगी कि जब कमेटी की अंतिम रिपोर्ट जब सदन के सामने जाए तो उससे पहले कमेटी के सदस्यों के साथ पूरी चर्चा हो जाए। विपक्ष और पक्ष के कोई भी सांसद अगर कोई संशोधन लाना चाहते हैं तो उसके बारे में कमेटी के सामने अपनी राय रखें और निश्चित रूप से उन संशोधनों पर भी पूरा विचार किया जाएगा। जेपीसी में सभी सदस्यों को बिल के संबंध में कोई भी महत्वपूर्ण विषय को रखने की पूर्ण आजादी होगी। मैं हमेशा बिल के प्रावधानों और निहितार्थों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने के लिए साथी समिति सदस्यों के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर हूं, ताकि एक मजबूत और व्यापक समीक्षा सुनिश्चित हो सके।
इसके अलावा उनको लगातार रूप से प्रमुख संसदीय स्थाई समितियां का अध्यक्ष बनाया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से विदेश मामलों की संसदीय स्थाई समिति, फैलोशिप कमेटी एवं संयुक्त संसदीय स्थाई समिति ऑफिस ऑफ प्रोफिट शामिल है। इसके अलावा विभिन्न महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में भी सदस्य बनते रहे है, जिनमें लोकसभा की प्राक्कलन समिति, वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति कार्मिक, लोक शिकायत, कानून एवं न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति व्यवसाय सलाहकर समिति, लोकसभा और गृह मंत्रालय, परार्मशदात्री समिति, भारत सरकार आदि प्रमुख रूप से हैं।
सांसद चौधरी की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में लोकसभा से प्रमुख पुरुषोत्तमभाई रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, सीएम रमेश, विष्णु दत शर्मा, डॉ. संजय जयसवाल, बैजयंत पांडा, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, कल्याण बनर्जी, बांसुरी स्वराज, भर्तृहरि महताब, डॉ संबित पात्रा, अनिल बलूनी, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, अनिल देसाई, धर्मेन्द्र यादव एवं अन्य शामिल है। वहीं राज्यसभा से प्रमुख घनश्याम तिवारी, डॉ. के लक्ष्मण, संजय कुमार झा, रणदीप सुरजेवाला, संजय सिंह, विजय साईं रेड्डी आदि शामिल रहेंगे।
हुब्बल्ली प्रवासी एवं सीरवी समाज महासभा के हुब्बल्ली-धारवाड़ क्षेत्र के प्रतिनिधि बाबूलाल सीरवी काराड़ी ने कहा कि यह सभी प्रवासियों एवं पाली लोकसभा क्षेत्र के निवासियों के लिए खुशी की बात है। सांसद चौधरी के अनुभव का जरूर फायदा मिलेगा।