ऐसे में मृत्युदंड से दंडित करना ही उपयुक्त रहेगा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) सविता जडिया ने फैसले में लिखा, दुष्कर्मी की मानसिकता देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में भी वह ऐसा अपराध कर सकता है। कोर्ट ने घटना को विरलतम श्रेणी का केस माना। कोर्ट ने पीड़िता को 5 लाख रुपए प्रतिकर दिलाने के लिए डीबीए को अनुशंसा की है।
20 साल का दोषी, 10 माह चला ट्रायल
हीरानगर में 27 फरवरी 2024 को बच्ची घर के पास खेल रही थी। तभी कचरा बीनने आया देवास का मंगल पंवार उसे ले गया और दुष्कर्म किया। बच्ची की ऐसी हालत थी कि डॉक्टरों को सर्जरी करनी पड़ी। 20 दिन अस्पताल में भर्ती रही। प्लास्टिक सर्जरी भी हुई। 10 माह चले ट्रायल में डॉक्टरों और अन्य लोगों की गवाही हुई। कोर्ट ने 20 साल के मंगल को दुष्कर्म का दोषी पाया। तीन धाराओं में तब तक फांसी पर लटकाने के आदेश दिए जब तक मौत न हो जाए।