शहर में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे प्लॉट पर मकान बनाना आसान नहीं है। ऐसे परिवारों के लिए बहुमंजिला बिल्डिंग में फ्लैट सिस्टम बेहतर विकल्प है। इससे उन्हें शहर के बीच में आशियाना मिल जाता है। अब यही फॉर्मूला औद्योगिक क्षेत्र में भी लाया जा रहा है।
आइटी पार्क की तर्ज पर एमपीआइडीसी छोटे उद्योगों के लिए शहरी सीमा में फ्लैटेड इंडस्ट्री कैंपस बनाएगा। यहां ऐसी इकाइयों को जगह दी जाएगी, जो लाइट वेट उत्पाद बनाती हैं और इकाई को स्थापित करने में भारी मशीनों का उपयोग नहीं होता है। हल्की मशीनों को ऊपरी मंजिल पर भी आसानी से स्थापित किया जा सकता है।
पिछले दिनों भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) हुई थी। इसमें देश-विदेश के उद्योगपति शामिल हुए थे। कुछ छोटे उद्योगपतियों ने सरकार से शहरी क्षेत्र में जगह मांगी थी। तर्क दिया था कि शहर में जमीन उपलब्ध नहीं हैं। यदि लेते भी हैं तो काफी महंगी पड़ेगी। आउटर में जाते हैं तो कुशल व अकुशल कर्मचारियों की उपलब्धता के साथ परिवहन की समस्या आती है और प्रोडक्शन कास्ट बढ़ती है। इस समस्या को दूर करने के लिए एमपीआइडीसी अब लैटेड इंडस्ट्री कैंपस बनाने की योजना पर काम कर रहा है।
सर्व सुविधा युक्त होगी बिल्डिंग
कैंपस में दस मंजिला तक बिल्डिंग का निर्माण होगा, जिसमें दो से पांच हजार वर्ग फीट जगह उद्योगपतियों को लीज पर दी जाएगी। बिल्डिंग का स्ट्रक्चर काफी मजबूत रहेगा, ताकि औद्योगिक इकाई के संचालन में दिक्कत न हो। बड़ी लिफ्ट लगाई जाएगी और पार्किंग की जगह रहेगी। इससे माल को लोडिंग-अनलोडिंग करने में परेशानी नहीं आएगी।
एक एकड़ जमीन भी पर्याप्त
शहरी क्षेत्र में सरकारी नजूल की जमीन है। उसे देने के लिए एमपीआइडीसी अब जिला प्रशासन से बात कर रहा है। एक एकड़ जमीन पर भी कैंपस तैयार किया जा सकता है। अधिक जगह मिलने पर कैंपस में अलग-अलग बिल्डिंग बनाई जा सकती है, जैसे आईटी पार्क में किया गया है।
चार-चार, पांच-पांच लैट्स के कैंपस
जगह को लेकर छोटी इंडस्ट्री की बार-बार डिमांड आ रही है। GIS में भी यह विषय आया था। इसके चलते शहरी क्षेत्र में आईटी पार्क की तर्ज पर चार-पांच फ्लैट्स इंडस्ट्री कैंपस बनाने की योजना है। इसके लिए जिला प्रशासन से जमीन मांगी जाएगी। -राजेश राठौड़, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, एमपीआइडीसी