नई सड़कों के लिए छोटे-बड़े करीब 3 हजार बाधक मकान और धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए हैं। जिनके पूरे मकान तोड़े जाने हैं, उन्हें जनप्रतिनिधियों ने प्लॉट देने की पैरवी की। अफसरों ने कहा कि यह प्रावधान नहीं है, हम सिर्फ फ़्लैट दे सकते हैं, वह भी वन बीएचके। इस पर मंत्री विजयवर्गीय ने कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि वह टू या थ्री बीएचके का फ़्लैट देने का प्रपोजल दें, मैं स्वीकृति दूंगा।
बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कुछ हजार लोगों के लिए लाखों लोगों को सड़क का लाभ मिलने से वंचित नहीं किया जा सकता। शहर हित में कड़े निर्णय लेना जरूरी है। विधायक रमेश मेंदोला ने कहा कि भमोरी में कई लोगों की दुकानें जा रही हैं। ऐसे तो व्यापारी मर जाएंगे। विजयवर्गीय ने दो टूक कहा कि ऐसा ही रहा तो काम ही नहीं कर पाएंगे। मकान की व्यवस्था करेंगे, दुकान की नहीं।
विधायक रमेश मेंदोला ने कहा कि सड़क को 80 फीट की कर दें। विजयवर्गीय ने जवाब दिया कि शहर पहले ही छोटा पड़ रहा है। आप 1000 लोगों की चिंता मत करो, 40 लाख लोगों की करो। सड़क छोटी कर दोगे तो 10 साल बाद फिर कुछ करना पड़ेगा।
बैठक में एक अहम मसला उठा। निगम ने गणेशगंज में कुछ लोगों को विंध्यांचल कॉलोनी में एक बिल्डर के यहां शिफ़्ट करवाया था। इसके बाद से अफसरों ने इस बिल्डिंग को खाली नहीं करवाया है। इसकी शिकायत मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तक पहुंची तो समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि विस्थापितों को मकान देने के बाद भी निजी बिल्डिंग खाली नहीं करवाई है। काकाजी का राज चल रहा है क्या। किसी की भी बिल्डिंग ले लोगे। 15 दिन में बिल्डिंग खाली हो जानी चाहिए।
विधायक रमेश मेंदोला ने कहा कि पाटनीपुरा में तीन मंजिला दुकान तोड़ी थी। उसके बदले मकान आज तक नहीं मिला। एक पार्षद ने कहा कि एरोड्रम से छोटा बांगड़दा क्षेत्र में निगम की दो प्रॉपर्टी में से एक पर धर्मशाला तो दूसरे पर स्कूल बन गया है। मंत्री ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में विधानसभावार प्रेजेंटेशन देखा। बताया गया कि शहर के पुराने मकानों में पीढ़ियों से लोग रह रहे हैं। उनके लिए बीच का रास्ता निकालना चाहिए, सड़क की चौड़ाई कम करने पर भी विचार होना चाहिए। विजयवर्गीय ने अफसरों से कहा कि व्यक्तिगत जाकर सर्वे करो, अगर पूरे मकान जा रहे हैं तो कुछ करेंगे। मेरा मार्गदर्शन लेना, मैं तो निर्दयी हूं। किसी का भी वार्ड हो, मास्टर प्लान की सड़क को लेकर काम होना चाहिए। ऐसी कोई योजना भी बनाएं, जिसमें पीड़ितों को प्लॉट मिल सकें।
जहां सड़क निर्माण होगा, वहां नगर निगम बोर्ड चस्पा करेगा। इसमें लागत, ठेकेदार, समय सीमा और सुपरविजन करने की जानकारी दी जाएगी। महापौर हर 15 दिन में इसकी समीक्षा कर रिपोर्ट मंत्री विजयवर्गीय को देंगे। मंत्री ने कहा कि यदि कहीं धार्मिक स्थल की बाधा है तो हम बात करेंगे।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि काम होने के 7 दिन में भुगतान होगा। इससे पहले टी एंड सीपी सेंट्रल लाइन का काम समय पर करें, ताकि सेंट्रल लाइन के हिसाब से सड़कों की चौड़ाई में बाधकों को चिन्हित किया जा सके।
एमआइसी सदस्य मनीष शर्मा ने कहा कि छावनी में बड़ी संया में लोग मकानों में ही दुकानें बनाकर व्यापार करते हैं। सड़क निर्माण में उनकी दुकान-मकान सब साफ हो जाएंगे। कई जगह पांच भाई साथ रहते हैं। उनके मकान और दुकान आप तोड़ देंगे, लेकिन सिर्फ एक लैट ही देंगे। यह भी अन्याय है। इस पर विजयवर्गीय ने कहा कि यह वैलिड पॉइंट है, विचार करेंगे, लेकिन हम सड़क की चौड़ाई कम नहीं करेंगे।
पहले चरण में इन रोडों का निर्माण
सुभाष मार्ग मंदिर से रामबाग पुल तक (बाधक 304 मकान, 15 धार्मिक स्थल) एमआर-10 से एमआर-12 को जोड़ने वाली लिंक रोड (बाधक 6 मकान, 1 धार्मिक स्थल)
एमआर-5 बड़ा बांगड़दा से पीएमएवाय की मल्टी तक (बाधक 70 मकान, 2 धार्मिक स्थल) भमोरी तिराहे से एमआर-10 व राजशाही गार्डन से होटल वॉव तक (बाधक 35 मकान, 1 धार्मिक स्थल) नेहरू प्रतिमा मधुमिलन चौराहे से छावनी पुल तक (बाधक 328 मकान)
एडवांस एकेडमी से रिंग रोड तक (बाधक 199 मकान, 3 धार्मिक स्थल) जमजम चौराहे से स्टार चौराहे तक तथा रिंग रोड खजराना मंदिर द्वार से जमजम चौराहे तक (बाधक 261 मकान, 2 धार्मिक स्थल)