कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मां अहिल्या बाई होल्कर की नगरी
इंदौर, जो न्याय और सुशासन का प्रतीक है, से सरकार से पांच गंभीर सवाल पूछे हैं। ये सवाल भारतीय सेना के सम्मान, पुलिस की कार्यप्रणाली, मंत्रियों के विवादित बयानों और प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर हैं। इन सवालों के साथ जीतू पटवारी की मुख्यमंत्री से मांग है कि, वो इनके जवाब देकर प्रदेश की जनता के साथ न्याय करें।
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1- मंत्री विजय शाह और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के सेना अपमान पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही ? कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘आतंकवादियों की बहन’ बताने और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा भारतीय सेना को ‘प्रधानमंत्री के चरणों में नतमस्तक; बताकर सेना का अपमान किया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विजय शाह के बयान को ‘गटरछाप’ और सुप्रीम कोर्ट ने इसे ‘शर्मनाक’ बताया है। बावजूद इसके दोनों मंत्रियों के खिलाफ अबतक कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? क्या बीजेपी सरकार ऐसे देशद्रोही बयान देने वालों को संरक्षण दे रही है?
2- कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों के बावजूद आशातीत कार्रवाई क्यों नहीं? सेना के अपमान के मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर में ‘छल’ और निष्पक्षता की कमी को उजागर किया है। कोर्ट ने पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री बार-बार कोर्ट का हवाला देते हैं, लेकिन जवाबदेही और कार्रवाई में कमी क्यों?
3- मंत्रियों पर लगाम लगाने में असमर्थता क्यों? विजय शाह, जगदीश देवड़ा, और अन्य मंत्रियों के बार-बार विवादित बयान सरकार की छवि और सेना के सम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं। सरकार अपने मंत्रिमंडल को कंट्रोल क्यों नहीं कर पा रही। ? क्या ये नेतृत्व की कमजोरी दर्शाता है?
4- पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार कब? हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर बार-बार सवाल उठाए हैं, खासकर संवेदनशील मामलों में निष्पक्षता की कमी को लेकर। मुख्यमंत्री स्वयं गृह विभाग संभाल रहे हैं, फिर भी सुधार क्यों नहीं दिख रहा? क्या प्रदेश को पूर्णकालिक और सक्षम गृहमंत्री की आवश्यकता नहीं है?
5- पत्रकारों के साथ बदसलूकी क्यों? भिंड में पत्रकारों पर हमले, भोपाल में कार्रवाई और खुद मुख्यमंत्री द्वारा माइक हटाने जैसे कृत्य प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करते हैं। क्या मध्य प्रदेश में पत्रकार अब सुरक्षित नहीं हैं ? बीजेपी सरकार प्रेस के साथ इस व्यवहार को कब तक ठीक मानेगी?
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जीतू पटवारी ने आगे कहा कि भारतीय सेना का अपमान, पुलिस की निष्क्रियता, और प्रेस पर हमले बर्दाश्त नहीं होंगे। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आगे विजय शाह और जगदीश देवड़ा को सरकार से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। सेना का सम्मान सुरक्षित हो, व्यापक स्तर पर पुलिस सुधार लागू हो, पत्रकारों से दुर्व्यवहार बंद हो।” साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अपील की कि, वो इन मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई करें और प्रदेश में न्याय व सुशासन की मिटती परंपरा को वापस बहाल करने का प्रयास करें। जनता जवाब और कार्रवाई की प्रतीक्षा में है।