जस्टिस देवनारायण मिश्रा की एकल पीठ ने बलात्कार के आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए निर्देश दिया कि वह अपने मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जांच एजेंसी को सौंपे। इसके अलावा, आरोपी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि के पासवर्ड भी एजेंसी को देने होंगे।
आधी रात को श्मशान में होती थीं अजीब घटनाएं, लगाया गया कैमरा, फिर जलती चिता के पास जो दिखा उसने सबके होश उड़ा दिए क्या है मामला?
राज्य के वकील ने पीड़िता की तरफ से कोर्ट को बताया कि आरोपी ने 8 से 10 सालों तक पीड़िता को शादी का झांसा दिया और उसकी निजता का हनन किया। उन्होंने दावा किया कि आरोपी ने न केवल पीड़िता की तस्वीरें साझा कीं, बल्कि उसे ब्लैकमेल भी किया। कोर्ट ने पाया कि दोनों 2010-2018 तक रिश्ते में थे और बालिग थे।
2024 में दर्ज की गई एफआईआर के मद्देनजर अदालत ने मामले की योग्यता पर टिप्पणी किए बिना आरोपी को अग्रिम जमानत दी। हालांकि, शर्त रखी कि आरोपी जांच एजेंसी को पूरा सहयोग करेगा और सभी जरूरी दस्तावेज, गैजेट और सोशल मीडिया पासवर्ड सौंपेगा। आरोपी को जांच एजेंसी के साथ सहयोग करना होगा। एजेंसी डिजिटल उपकरणों की जांच के बाद उन्हें वापस करेगी।