CG News: वनवासियों की विभाग से बढ़ गई थी दूरी
सुकमा जिले के जगरगुण्डा, गोलापल्ली, किस्टाराम रेंज कार्यालय,
बीजापुर जिले के गंगालुर और पामेड़ परिक्षेत्र तथा नारायणपुर के सोनपुर परिक्षेत्र जैसे अन्य जगहों पर 1980 के दशक के पूर्व के स्थापित शासकीय कार्यालयों को नक्सली नुकसान पहुंचाया करते थे। इन इलाकों में पदस्थ कई शासकीय कर्मचारी शहीद भी हुए थे। कर्मचारियों और उनके परिवार की सुरक्षा को देखते हुए कार्यालयों को जिला और ब्लॉक मुख्यालय में शिफ्ट कर दिया गया था।
सुकमा वनमण्डल के जगरगुण्डा वन परिक्षेत्र कार्यालय को दोरनापाल से, गोलापल्ली, किस्टाराम परिक्षेत्र कार्यालय को कोन्टा से, गंगालुर परिक्षेत्र कार्यालय को बीजापुर से तथा सोनपूर परिक्षेत्र कार्यालय को नारायणपुर से संचालित किया जा रहा था। ऐसे हालात में वनवासियों की विभाग से दूरी बढ़ गई थी। वन विभाग के कई काम वनों के देख-रेख, वानिकी कार्य, वन्य जीवों की सुरक्षा तथा वनवासियों के रोजगार भी प्रभावित हो रहे थे।
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घने जंगलों में निवासरत वनवासियों को वन विभाग से संबंधित कार्य अन्य सरकारी काम के लिए 40 से 50 किमी की दूरी तय कर शहरी क्षेत्र में स्थित कार्यालयों में आना पड़ता था। अब इन सभी कार्यालयों को दोबारा वहीं शुरू करने की शुरुआत हो चुकी है जहां से पहले इनका संचालन होता था। वन मंत्री केदार कश्यप के नेतृत्व में विभाग यह काम कर रहा है।
बढ़ता जा रहा है विकास का दायरा
CG News:
सुकमा जिले के जगरगुण्डा, गोलापल्ली, किस्टाराम, बीजापुर जिले के गंगालुर एवं पामे? तथा नारायणपुर के सोनपुर परिक्षेत्र कार्यालयों को स्थापित कर शासकीय कार्यों का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वन विभाग के दूरस्थ कार्यालयों की दोबारा शुरुआत होना एक बड़ी उपलब्धि है। नक्सलवाद सिमटता जा रहा है और विकास का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब बस्तर के अंतिम व्यक्ति तक का विकास होगा। वन और वन्य जीवों का संरक्षण हो पाएगा।