पर्यटन स्थल बना मांझीपाल गांव! बैम्बू राफ्टिंग और क्याकिंग की हुई शुरुआत, जानें और क्या है खाश…
CG Exclusive News: बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में धूड़मारास के बाद अब मांझीपाल में कांगेर नदी पर बैम्बू राफ्टिंग और क्याकिंग की शुरुआत हुई है।
Chhattisgarh Tourism:मनोज साहू. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर/बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में धूड़मारास के बाद अब मांझीपाल में कांगेर नदी पर बैम्बू राफ्टिंग और क्याकिंग की शुरुआत हुई है। गांव के 21 युवा इस काम से जुड़े और गांव को पर्यटन ग्राम की पहचान दिला दी।
Chhattisgarh Tourism: 21 युवाओं ने गांव को बना डाला पर्यटन ग्राम
यहां पहाड़ी चट्टानों और हरियाली के बीच राफ्टिंग और क्याकिंग का अनुभव लेना बेहद खास है। पर्यटक जब धुड़मारास की तुलना मांझीपाल से कर हैं तो मांझीपाल को ज्यादा बेहतर बता रहे हैं क्योंकि यहां का प्राकृतिक माहौल ज्यादा खास है।
यहां के नैसर्गिक प्रकृति के बीच चट्टानों से गुजरती हुई कांगेर नदी में बैम्बू राफ्टिंग और क्याकिंग से सैर करना किसी रोमांच से कम नहीं है। बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए मांझीपाल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। ईको विकास समिति के सदस्य बाल सिंह ने बताया कि गांव के युवा इस काम से जुड़े तो उन्हें रोजगार भी मिला है। इसके अलावा यहां की महिलाएं भी इस स्थान पर व्यवसाय कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही हैं।
बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुंच रहे
मांझीपाल में चलाए जा रहे बैम्बू राफ्टिंग और क्याकिंग के दौरान नदी के एक किनारे चट्टानों की श्रंृखला और एक तरफ जंगल की खूबसूरती यहां आने वाले पर्यटकों के लिए रोमांचक है। मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा और कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक चूड़ामणी सिंह ने बताया कि मांझीपाल में काफी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक पहुंच रहे हैं जो यहां के रोमांचकारी अनुभव को साझा कर रहे हैं इससे इस स्थान की ख्याति तेजी के साथ बढ़ रही है।
धुड़मारास यूएन के बेस्ट टूरिज्म विलेज में
यूनाइटेड नेशन ने पिछले साल विश्व के 60 बेस्ट टूरिज्म विलेज की सूची जारी की जिसमें कांगेर घाटी के धुड़मारास को भी शामिल किया गया था। धुड़मारास को ख्याति मिली तो अब आसपास के गांव में भी इसी तर्ज पर प्रयास हो रहे हैं और उनके प्रयासों को सराहा भी जा रहा है।
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