पहली दी चेतावनी, फिर मारी गोली
10 फरवरी, 2025 को घटना के दौरान, सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन चेतावनी न मानने पर गोलियां चलाईं। थॉमस को सिर में गोली लगी, जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई, जबकि एडिसन पैर में घायल हो गए। एडिसन का इलाज जॉर्डन में हुआ, फिर उन्हें कैम्प और जेल में रखा गया, और अंततः दो दिन पहले वह केरल लौट आए। बाकी दो साथी कथित तौर पर अभी जॉर्डन की जेल में हैं।
थॉमस के परिवार को किया सूचित
जॉर्डन में भारतीय दूतावास ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुष्टि की और थॉमस के परिवार को सूचित कर दिया। दूतावास स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर शव को भारत लाने और परिवार को कांसुलर सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया में जुटा है। थॉमस के परिजनों को दूतावास से एक पत्र मिला, जिसमें घटना का विवरण और पहचान सत्यापन के लिए सहयोग माँगा गया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब अवैध सीमा पार करने की कोशिशें (जैसे “डंकी रूट”) भारतीय नागरिकों के लिए जोखिम भरी साबित हो रही हैं। करकाक जिला, जो डेड सी के पास है और इजरायल की सीमा के निकट स्थित है, संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, जहाँ सुरक्षा बल सतर्क रहते हैं। इस मामले में आगे की जाँच और कानूनी प्रक्रिया जारी है।