Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: दुकानदार को मानसिक रूप से किया गया प्रताड़ित
ऐसे में
सोशल मीडिया में सुपर वॉलेट, क्विक केश, रिच केश, लकी वॉलेट स्पीड लोन, क्रेडिट बॉक्स जैसे लोन बांटने वाले अनेक फाइनेंस कंपनियां अपनी एप के माध्यम से लोगों से मनमाने तरीके से पैसे वसूल रहे हैं। ऑनलाईन लोने देने वाली कंपनियां प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज लेती है और लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर कई गुना राशि वसूलती है।
बस्तर जिले के मूली स्थित एक दुकानदार के पास दो महीने पहले कॉल कर मैसेज के माध्यम से लिंक भेजकर लोन लेने का ऑफर दिया गया। दुकानदार द्वारा खेल खेल में लिंक खोलकर उसमें मांगे गए जानकारी डालते ही खाते में 8 हजार का लोन ट्रांसफर हो गया। लोन मिलते ही दुकानदार को कंपनी से फोन आया कि आपका 8 हजार का लोन एक सप्ताह के भीतर जमा करना होगा। 8 हजार का ब्याज सहित 11400 रुपये जमा करने कहा गया। लोन की रकम के लिए उस दुकानदार को कंपनी द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
अपराधों के विरुद्ध पत्रिका अभियान
बस्तर जिले के ही दरभा इलाके के एक बेरोजगार युवक बिना किसी वेरिफिकेशन के लोन लेने एप डाउनलोड कर 20 हजार रुपये ले लिया। उनके द्वारा 6 माह में कंपनी द्वारा दिए गए धमकी भरे कॉल के चलते 45 हजार कंपनी को दे चुका है। कंपनी द्वारा अभी भी फोन कर लगातार पैसे के लिए फोन किया जा रहा है। वह डर के मारे इसकी शिकायत कहीं नहीं कर पा रहा है। लोन के लिए नहीं लगते दस्तावेज
फोन कॉल पर ऑनलाइन लोन देने वाले इन कंपनियों के ऐप डाउनलोड करके लोन लेने के लिए कोई दस्तावेज की जरूरत नहीं होती। लोन देने वाले कंपनी इन लोगों को बिना किसी कागजात के फटाफट लोन दे देती है। ऐप में अपना बैंक एकाउंट डालते ही पैसा खाते में आपके खाते में लोन का पैसा ट्रांसफर कर देते हैं। इसके बाद वसूली के लिए कॉल करने का सिलसिला शुरू होता है।
प्रभारी साइबर थाना व साइबर एक्सपर्ट, गौरव तिवारी
किसी भी प्रकार की अनजान लिंक को कभी भी ओपन नहीं करना चाहिए। कोई भी लिंक सबसे पहले आपके फोन गैलरी और फोन बुक को स्कैन कर लेता है। इसके बाद आपके फोन पर मिले नंबर के आधार पर आपके परिचितों व रिश्तेदारों को फर्जी लिंक भेजकर ठगी करते हैं। इस तरह के कोई भी मैसेज अथवा कॉल आने पर तुरंत संबंधित साईबर सेल को बताएं। बिना किसी वेरिफिकेशन के लोन देने वाले एप के जाल में फंसने से बचें। छोटे छोटे अमाउंट में दी जाती है लोन
Patrika Raksha Kavach Abhiyaan:
ऑनलाइन लोन बांटने वाले कंपनी के जाल में फंसने वाले लोग अधिकतर ग्रामीण और छोटे व्यापारी होते हैं। मोबाइल में फर्जी ऐप के जरिए लोन देने के लिए यह लोग मैसेज के माध्यम से लोगों को फंसाया जाता है। लोग इस मैसेज में दिए गये लिंक ओपन करते हैं और लोन मिल जाता है। लोन देने के बाद ही कंपनी ब्याज की रकम के साथ पटाये जाने वाले राशि की जानकारी लोन धारक को देता है। जिसके बाद लोगों की परेशानी बढ़नी शुरू होती है।