World Homeopathy Day 2025: होम्योपैथिक क्लीनिकों में लंबी कतारें
विशेष रूप से होम्योपैथी की बात करें तो
बस्तर संभाग में पिछले दो वर्षों में वायरल फीवर, स्किन एलर्जी, सांस से जुड़ी बीमारियों और इयुनिटी बूस्ट करने के लिए होयोपैथिक उपचार लेने वाले मरीजों की संख्या में 4 से 5 गुना तक इजाफा हुआ है। स्थानीय होम्योपैथिक क्लीनिकों में मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।
वायरल और एलर्जी के मामलों में पांच गुना वृद्धि
आंकड़ों के अनुसार, होम्योपैथी क्लीनिक्स में वायरल बुखार, स्किन एलर्जी, सांस संबंधी समस्याओं और पोस्ट-कोविड लक्षणों के इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या पिछले दो वर्षों में पांच गुना तक बढ़ी है। वहीं, आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग भी 40 प्रतिशत तक अधिक हुई है। दिल्ली स्थित होम्योपैथी प्रैक्टिशनर डॉ. प्रीति सिंह बताती हैं अब युवा भी होम्योपैथी पर भरोसा कर रहे हैं। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लोग नियमित कंसल्टेशन ले रहे हैं।
एक्सपर्ट बोले इसलिए बदल रहा है रुख
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प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार मरीज अब केवल लक्षण दबाने की बजाय रोग की जड़ तक पहुंचने वाले इलाज को प्राथमिकता दे रहे हैं। होम्योपैथी न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह शरीर की स्व-चिकित्सा क्षमता को भी सक्रिय करती है।