CG News: शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश
शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। यदि बाहर जाना आवश्यक हो तो सिर और कान को सूती कपड़े से अच्छी तरह ढंककर निकलें। हल्के, ढीले और सूती वस्त्र पहनें। दिनभर अधिक मात्रा में पानी पीएं, यहां तक कि प्यास न लगने पर भी। कच्चे आम का पना, जलजीरा, नींबू पानी, लस्सी व मठा जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें। बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को विशेष रूप से इस गर्मी में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
लू के लक्षणों की जांच अनिवार्य
शासन ने अस्पतालों में इनके लिए प्राथमिकता से उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। राज्य शासन ने सभी शासकीय अस्पतालों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देशित किया है कि लू से पीड़ित मरीजों के लिए कम से कम दो बिस्तर आरक्षित रखें। ओपीडी में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग के दौरान लू के लक्षणों की जांच अनिवार्य रूप से की जाए। प्रत्येक अस्पताल में ठंडे पेयजल की व्यवस्था, कूलर या पंखे की सुविधा और बैठने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, सभी मरीजों को लू से बचाव की जानकारी दी जाए।
प्राथमिक लक्षण दिखने पर क्या करें?
यदि किसी व्यक्ति को चक्कर, उल्टी, कमजोरी या अत्यधिक गर्मी लगने लगे, तो उसे तुरंत छायादार स्थान पर लिटाकर ठंडे पानी की पट्टियां सिर पर रखें। ओआरएस घोल पिलाएं या घर में उपलब्ध नमक-चीनी का घोल तैयार कर दें। आवश्यकता पड़ने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सालय में तुरंत उपचार कराएं। राज्य के 104 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर भी नि:शुल्क चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया जा सकता है।
लू क्या है और इसके लक्षण क्या हैं?
CG News: लू एक गंभीर स्थिति होती है, जो अत्यधिक गर्मी में शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाने पर उत्पन्न होती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, लू के प्रमुख लक्षणों में सिर में तेज दर्द, भारीपन, मुंह सूखना,
तेज बुखार, चक्कर आना, उल्टी, कमजोरी, शरीर में दर्द, पसीना न आना, पेशाब कम आना तथा अत्यधिक प्यास लगना शामिल है। ऐसे में यदि समय रहते सावधानी न बरती जाए तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।