फर्जीवाड़े को लेकर मंत्री ने दिए सख्त निर्देश
भजनलाल सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि जिन लोगों ने अभी तक KYC नहीं करवाई है, उनके नाम योजना से स्वचालित रूप से हटाए जाएंगे। इन नामों की गहन जांच भी करवाई जा रही है कि ये लोग किन परिस्थितियों में योजना में शामिल हुए। वहीं, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना से 10 साल तक के बच्चे और 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को राहत दी जाएगी। ऐसे लाभार्थियों को फिलहाल योजना से नहीं हटाया जाएगा, भले ही उनकी KYC पूरी न हो पाई हो।
कलेक्टरों को मिला नाम हटाने का अधिकार
पात्र लोगों को योजना से जोड़ने और अपात्रों को हटाने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने जिला कलेक्टरों को भी अधिकार दिए हैं। अब पात्र व्यक्ति कलेक्टर कार्यालय या विभागीय वेबसाइट के माध्यम से नाम जुड़वा सकते हैं।
अब तक 16 लाख नाम स्वेच्छा से हटे
बताते चलें कि भजनलाल सरकार ने ‘गिवअप अभियान’ भी शुरू किया है, जिसमें आर्थिक रूप से सक्षम लोग स्वेच्छा से योजना से बाहर हो रहे हैं। नवंबर 2024 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 16 लाख से अधिक लाभार्थी स्वयं नाम हटवा चुके हैं। वहीं, पात्र नए लोगों को जोड़ने का सिलसिला भी जारी है। साथ ही सरकार ने ये भी चेतावनी दी है कि 30 अप्रैल 2025 तक यदि अपात्र व्यक्ति स्वेच्छा से नाम नहीं हटाते, तो उनसे 27 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं की वसूली की जाएगी। साथ ही इस पर ब्याज भी जोड़ा जाएगा। खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि जिन लोगों ने अब तक KYC नहीं करवाई है, उन्हें योजना से हटाया जाएगा। जो अपात्र हैं, वे खुद हट जाएं, वरना कार्रवाई तय है।
इनके लिए योजना में पात्रता नहीं
जिन परिवारों में कोई भी सदस्य सरकारी/अर्धसरकारी/स्वायत्त संस्थान में नियमित कर्मचारी या अधिकारी हो, 1 लाख रुपये से अधिक पेंशन प्राप्त करता हो, निजी चौपहिया वाहन का मालिक हो, आयकरदाता हो, मासिक पारिवारिक आय 1 लाख से अधिक हो तो उन सभी को योजना में अपात्र माना गया है। गौरतलब है कि सरकार की इस योजना के तहत फिलहाल 4 करोड़ 46 लाख लोगों को पात्र मानते हुए मुफ्त गेहूं वितरित किया जा रहा है। भजनलाल सरकार की इस सख्ती का उद्देश्य केवल यह है कि योजना का लाभ सिर्फ असली जरूरतमंदों तक पहुंचे।