डीजी डा. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि परिवादी ने शिकायत दी कि उसकी निर्माणाधीन दो दुकान है। दुकानें वन सीमा क्षेत्र में नहीं है, इसके बावजूद दोनों आरोपियों ने उससे 10 हजार रुपए रिश्वत के लिए थे। अब 10 हजार रुपए और मांग रहे हैं। इस पर ट्रैप की कार्रवाई एएसपी संदीप सारस्वत की टीम को सौंपी। संदीप सारस्वत ने बताया कि वनपाल रतिराम सिंह व वन रक्षक ओमप्रकाश मिठारवाल के रिश्वत मांगने का सत्यापन किया गया। सत्यापन में 10 हजार रुपए रिश्वत मांगने की पुष्टि हो गई।
वनपाल बोला, मैं आऊंगा तभी देना
परिवादी ने सोमवार को वनपाल रतिराम को फोन किया, तब उसने कहा कि वह कोटपुतली गांव आ गया। रिश्वत के रुपए वन रक्षक को देने के लिए कहा तो वनपाल ने कहा कि रुपए उसे नहीं देना, मैं कल आऊंगा तभी रुपए लेकर आना। इस पर मंगलवार को कुण्डा पुलिस चैक पोस्ट के आगे चिमनपुरा वन कार्यालय में आरोपियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
सर्च के दौरान रुपए बरामद
एसीबी टीम ने बताया कि परिवादी वन कार्यालय में पहुंचा तो आरोपी वनपाल ने वन रक्षक को रिश्वत के 10 हजार रुपए दिलवाए। परिवादी से सूचना मिलते ही टीम कार्यालय में पहुंच गई। तब तक वन रक्षक ने कमरे में खिडक़ी के पास रखी ईंट के नीचे 10 हजार रुपए छिपा दिए थे। बाद में सर्च के दौरान रुपए बरामद किए गए।