पंचायती राज तबादलों पर हुई बहस
हरिमोहन शर्मा ने पंचायती राज में हुए 1000 तबादलों पर हाईकोर्ट की रोक को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने इसे हिंदुस्तान का रिकॉर्ड बताते हुए कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने मंत्री दिलावर पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं आपकी बेशर्मी के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। इस पर मंत्री दिलावर ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर हाईकोर्ट ने स्टे दिया है, तो उसका कोई आधार भी होगा। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब दिया कि सदन में कोर्ट के आदेशों की विवेचना करना गलत है। हरिमोहन शर्मा के बयान पर सत्ता पक्ष की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अब वो ज़माना चला गया, जब एक मुख्यमंत्री दूसरे मुख्यमंत्री को निकम्मा कहता था। वहीं, मंत्री अविनाश गहलोत ने दो टूक कहा कि राजस्थान में सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री हैं- भजनलाल शर्मा।
दिल्ली चुनाव पर भी छिड़ी बहस
इस दौरान बीजेपी विधायक श्रीचंद कृपलानी ने सदन में दिल्ली विधानसभा चुनाव का मुद्दा छेड़ दिया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में कांग्रेस की एक भी सीट नहीं आएगी और वहां बीजेपी की सरकार बनेगी। कृपलानी ने कहा कि राजस्थान में हुए निवेश समझौतों (MOU) से कांग्रेस को जलन हो रही है। हमने जो काम किए हैं, वे छुपे हुए नहीं हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस राज में बिजली नहीं आती थी, लेकिन हमारी सरकार ने एक साल में 1.10 लाख से अधिक किसानों को बिजली के कृषि कनेक्शन और 5 लाख घरेलू कनेक्शन दिए। कृपलानी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि देश में कांग्रेस खत्म हो चुकी है और राजस्थान में जो बची है, उसे भजनलाल शर्मा 4 साल में निपटा देंगे।
‘सरकार ने नौकरियों का झूठा प्रचार किया’
राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार पर नौकरियों को लेकर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान राजस्थान सरकार ने नौकरियों के बड़े-बड़े भ्रामक पोस्टर लगाए। कोटा से राजस्थान के युवा जब महाकुंभ स्नान करने गए, तो वे यह देखकर चौंक गए कि राजस्थान में इतनी भर्तियां कब निकलीं। धारीवाल ने दावा किया कि बाद में खुद सरकार ने स्वीकार किया कि वे झूठे दावे कर रहे थे। धारीवाल के इस बयान पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी। बता दें कि बुधवार को पूरे दिन सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस चलती रही।