अभियान के तहत केंद्रीय कृषि मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर.) एवं राज्य कृषि विभाग के वैज्ञानिक और अधिकारी मिलकर किसानों को उन्नत बीज, जैविक एवं प्राकृतिक खेती की तकनीकें, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभ तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगे। मंत्री चौहान ने “एक राष्ट्र, एक कृषि और एक टीम” का नारा देते हुए बताया कि किसानों से प्राप्त सुझावों एवं उनकी समस्याओं पर वैज्ञानिक जांच कर समाधान विकसित किए जायेंगे, ताकि खेती अधिक लाभकारी हो सके।
राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सुझाव दिया कि अभियान में खरीफ फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी गतिविधियों पर भी जोर दिया जाए, जिससे किसानों की आय में विविधता और वृद्धि हो। इसके अलावा पशुपालन, मुर्गी पालन एवं मत्स्य पालन से जुड़ी आधुनिक तकनीकों की जानकारी भी दी जाएगी। ताकि किसान आय के अतिरिक्त स्रोत विकसित कर सकें।
इस 15 दिवसीय कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्रों, आई.सी.ए.आर. संस्थानों, राज्य कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य विभागों के अधिकारी, प्रगतिशील किसान, कृषि उद्यमी, एफ.पी.ओ. और स्वयं सहायता समूह के सदस्य सक्रिय भूमिका निभाएंगे। अभियान की निगरानी एवं रिपोर्टिंग के लिए प्रत्येक राज्य के कृषि विभागों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे।
कृषि मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि इस समन्वित प्रयास से खरीफ फसलों की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी तथा किसानों को लाभदायक व सतत् कृषि के मार्ग मिलेंगे।