राजस्थान में गणगौर का पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह त्यौहार शादीशुदा महिला सुहाग की सलामती और सुख-समृद्धि के लिए होली से ही गणगौर पूजन का सिलसिला शुरू कर देती है। इस दौरान 16 दिनों तक सुहागिन महिलाएं ईसर-गणगौर की पूजा करती हैं। वहीं, कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए पूजन करती हैं।
जयपुर की गणगौर प्रसिद्ध क्यों?
बता दें कि राजधानी जयपुर में गणगौर की शाही सवारी पूरे देश में प्रसिद्ध है। जयपुर शहर में बूढ़ी गणगौर की सवारी जयपुर के त्रिपोलिया गेट से लेकर गणगौरी बाजार तक निकाली जाती है। इस सवारी को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है। इस सवारी को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रदेश भर से लोक कलाकार जुटते हैं।