इस बीच, विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद निलंबित तीन विधायक, हाकम अली, जाकिर हुसैन गैसावत और संजय जाटव जब दोबारा सदन में प्रवेश करने लगे, तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। जब सुरक्षाकर्मियों ने उनका रास्ता रोका तो दोनों पक्षों में तीखी बहस और नोंकझोंक हो गई। स्थिति को बिगड़ता देख वरिष्ठ कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक ने हस्तक्षेप किया और निलंबित विधायकों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया।
बेढ़म ने डोटासरा पर लगाए आरोप
सोमवार को विधानसभा में चले ‘हाईवोल्टेज ड्रामे’ के बाद सदन के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि डोटासरा स्पीकर के चेंबर में हुई बात से मुकर गए, वे अपने वरिष्ठ सदस्यों की बात नहीं मान रहे। इससे साफ जाहिर है कि उनको जनता के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई में कौन किस दाव से किसको चित करेगा, इस बात पर उनका दिमाग लगा हुआ है। मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने आगे कहा कि आज सदन में बार-बार नेता प्रतिपक्ष आहत से होकर बोलते नजर आए। उनकी बॉडी लैंग्वेज से लग रहा था कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उनकी अनदेखी कर रहे हैं। वरिष्ठ नेताओं की बात को अनदेखी करके कांग्रेस में घमासान पैदा करने की साजिश रच दी, इससे पूरा विपक्ष भी परेशान लग रहा हैं। उन्होंने कहा कि इनको जनता की चिंता नहीं है। डोटासरा तो मैं बड़ा या जूली बड़ा दिल्ली में अपने नंबर बढ़ाने के लिए अपने इस प्रदर्शन और नाटक मंचन को गलत ट्रैक पर लेकर चले गए हैं। पूरे राजस्थान की जनता इन पर थूक रही है।
वहीं, जवाहर सिंह बेढ़म ने डॉ किरोड़ी लाल मीणा के दोबारा से फ़ोन टैपिंग मुद्दे पर बयान को लेकर प्रदेश ग्रह राज्य मंत्री जवाहर बेढ़म का बयान कहा ज़िम्मेदारी से कह रहा हूं, फ़ोन टैपिंग नहीं हो रहा है।
बंद कमरे में हुई चर्चा का खुलासा
इधर, आज के सारे घटनाक्रम पर राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने पहली बार बंद कमरे में हुई चर्चा का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा की डायस पर चढ़ना घोर निंदनीय है। विपक्ष ने मेरा सहयोग नहीं किया और केवल हठधर्मिता का सहारा लिया। सदन में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विपक्ष को अपनी जिद छोड़नी चाहिए और संसदीय व्यवस्था के अनुसार काम करना चाहिए।
माफी पर दोनों पक्ष आमने-सामने
विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मुख्य टकराव इस बात पर है कि क्या मंत्री अविनाश गहलोत को इंदिरा गांधी पर दिए गए बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए या नहीं। विपक्ष का तर्क – विधानसभा के बाह कांग्रेस के नेताओं ने तर्क दिया कि डोटासरा से माफी की मांग करना सही हो सकता है, लेकिन विवाद की जड़ मंत्री अविनाश गहलोत की विवादित टिप्पणी है। मंत्री ने इंदिरा गांधी को ‘आपकी दादी’ कहकर संबोधित किया, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में रोष है। जब तक मंत्री माफी नहीं मांगते, तब तक गतिरोध खत्म नहीं होगा।
सत्ता पक्ष का तर्क – वहीं, सत्ता पक्ष के नेताओं ने तर्क दिया कि डोटासरा ने सदन की कार्यवाही बाधित की थी, इसलिए उनसे ही खेद जताने की उम्मीद की जा रही है। संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने डोटासरा पर निशाना साधते हुए कहा कि डोटासरा पूरे बजट सत्र को हाईजैक करना चाहते हैं। ऐसे सदस्य की कोई सुनवाई नहीं होनी चाहिए। विपक्ष सिर्फ हंगामा करने में जुटा है। स्पीकर ने डोटासरा से सीधे शब्दों में खेद व्यक्त करने की मांग की, लेकिन उन्होंने मंत्री की माफी को पहले जरूरी बताया।
क्या माफी पर सहमति बनी?
इससे पहले विधानसभा में गोविंद सिंह डोटासरा ने पूरे घटनाक्रम को ‘खेदजनक’ तो बताया, लेकिन उन्होंने सीधे माफी नहीं मांगी। इस पर स्पीकर ने कहा कि ‘आप बस यह कह दें कि मैं खेद व्यक्त करता हूं, लेकिन डोटासरा ने पहले मंत्री अविनाश गहलोत से माफी की मांग कर दी।