Rajasthan: दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं, की जो भारतीय नारी शक्ति नहीं कर सकती। इसका जीता जागता उदाहरण राजस्थान में जयपुर शहर निवासी माया देवी है। माया देवी वर्षों से जयपुर के त्रिवेणी नगर श्मशान घाट में लावारिस लाशों का निःशुल्क दाह संस्कार करती है। अपने इस पेशे के साथ ही वह अपने परिवार की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही है। माया देवी के इस काम को देख कर लोग आश्चर्यचकित होते हैं।
अपने इस काम को लेकर माया देवी कहती हैं कि वह जो काम कर रही हैं वह समाज सेवा हैं। जब माया देवी जब 6 वर्ष की थी, तब उनके पिताजी का देहांत हो गया था। उनके पिता से ही उन्हें ये काम विरासत में मिला। माया देवी ने अपने पिता के देहांत के बाद यह काम अपनी मां गुलाब देवी के साथ शुरू किया । कम उम्र में विवाह होने के बाद परिवार को भी संभाला।
दो बेटियों का किया विवाह, दो पढ़ रहीं
माया देवी का कहना है कि श्मशान घाट में लावारिस शवों की अंत्येष्टि नि:शुल्क की जाती है। अन्य शवों की अंत्येष्टि आदि से उपार्जित आय से ही उनका घर का खर्च चलता है। परिवार में चार बेटियां हैं जिनमें से दो का विवाह हो चुका है। शेष दो बेटियां कॉलेज स्तर की पढ़ाई कर रही हैं। बेटियों का कहना है कि मां ने जीवन में संघर्ष करके हमें पढ़ाया है,अब पढ़ाई पूरी करने के बाद उच्च पद पर अफसर बनने की इच्छा है।
बेटियां नहीं करेंगी यह काम
माया देवी का कहना है कि दोनों बेटियों की पढ़ाई लिखाई पर पूरा ध्यान है। मैंने जीवनभर यह काम किया लेकिन मेरी बेटियां पढ़ लिखकर नाम रोशन करें, बस यही इच्छा है। परिवार के अन्य लोगों से उन्हे कोई सहयोग नहीं मिला। आस पास के रहने वाले बाशिंदों ने जरूर माया देवी की वक्त बेवक्त पर बहुत मदद की है।
Hindi News / Jaipur / Mother’s Day: परिवार की जिम्मेदारी के साथ लावारिस शवों की ‘वारिस’