दरअसल, जयपुर की जामा मस्जिद (जौहरी बाजार) में हजारों की संख्या में नमाजियों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की। इस दौरान कांग्रेस विधायक रफीक खान, अमीन कागजी और वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली भी विरोध दर्ज कराने पहुंचे और उन्होंने भी काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी।
इस दौरान विधायक रफीक खान ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम समाज को ईद पर गिफ्ट बांट रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वक्फ संशोधन के नाम पर डराया जा रहा है। केंद्र सरकार यह बिल हमारी मर्जी के बिना लागू करना चाहती है, जो हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है।
AIMPLB ने की थी विरोध की अपील
बताते चलें कि AIMPLB ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ देशभर के मुसलमानों से काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने की अपील की थी। बोर्ड ने सोशल मीडिया पर एक संदेश जारी कर कहा कि यह बिल एक खतरनाक साजिश है, जिसका उद्देश्य मुसलमानों को उनकी मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों, दरगाहों, कब्रिस्तानों और परोपकारी संस्थानों से बेदखल करना है। यदि यह बिल पास हो गया, तो हमारी धार्मिक और सामाजिक संपत्तियां छिन जाएंगी।
देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि AIMPLB के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर-मंतर और पटना में पहले ही वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं। अब 29 मार्च को विजयवाड़ा में भी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
क्या है वक्फ संशोधन बिल?
वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर मुस्लिम समाज में चिंता है कि इससे मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों जैसी वक्फ संपत्तियों का सरकारी नियंत्रण बढ़ जाएगा। विरोध करने वालों का मानना है कि इससे मुस्लिम समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर असर पड़ेगा।