कैसे आया यह अनोखा आइडिया कोटा के रंगबाड़ी योजना में रहने वाले डॉ. गिरीश चंद्र शर्मा और डॉ. रश्मि तिवारी ने अपने बेटे गौरीज गौतम की शादी के लिए पारंपरिक पेपर कार्ड के बजाय इको.फ्रेंडली इनविटेशन कार्ड तैयार करवाने का फैसला किया। इंटरनेट पर सर्च के दौरान उन्हें महाराष्ट्र के पुणे में ऐसी तकनीक के बारे में पता चला, जिसके बाद उन्होंने फर्म से संपर्क किया और अनोखे रुमाल.कार्ड तैयार करवाए।
क्या खास है इस अनोखे शादी कार्ड में यह कार्ड डेढ़ फीट लंबा और डेढ़ फीट चौड़ा है, जो खूबसूरत कपड़े पर छपा है। इसमें परमानेंट इंक नहीं, बल्कि टेंपरेरी इंक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कार्ड दो बार धोने पर पूरी तरह साफ हो जाएगा। कार्ड का कपड़ा इतना बेहतरीन क्वालिटी का है कि इसे शादी के बाद मेहमान रुमाल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कार्ड की लागत 37 रुपये प्रति कार्ड है, जो पारंपरिक पेपर कार्ड के लगभग बराबर है।
दम्पत्ति का कहना है कि आमतौर पर शादी के कार्ड में देवी.देवताओं के चित्र या शुभ प्रतीक होते हैं, लेकिन शादी के बाद कई लोग इन्हें कचरे में फेंक देते हैं। इससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इसी वजह से उन्होंने ऐसा कार्ड बनवाया, जो फेंका न जाए और उपयोग में भी आ सके। पर्यावरण और धार्मिक आस्था का ध्यान रखते हुए इस अनोखे कार्ड को पूरे राजस्थान में खूब सराहा जा रहा है। लोग इसे शादी निमंत्रण का भविष्य का ट्रेंड बता रहे हैं। शादी का यह आयोजन आज किया जाना है।