144 साल में लगने वाले इस महाकुंभ में स्नान की होड़ ने लोगों की जानें ले ही लीं। प्रशासन और पुलिस के तमाम इंतजाम भीड़ के आगे छोटे पड़ गए… अनुमान से ज्यादा लोग थे वहां पर सवेरे, जहां पर स्नान होना था वहीं नजदीक ही लोग रहे थे…। जैसे ही रात का करीब एक बजा सभी ने संगम तट की ओर दौड़ लगा दी, हम वहां जाने वलो ही थे लेकिन भीड़ को देखते हुए आगे वाले तट की ओर चले गए। वहां पर भी काफी भीड़ थी, बाद में पता चला कि संगम तट की ओर भीड़ के चलते वहां पर सो रहे लोगों की मौत हो गई। कितने लोगों की जान गई ये तो पता नहीं लेकिन करीब बीस से ज्यादा लोगों की मौत की सूचना मिली है।जयपुर के आगरा रोड से परिवार समेत महाकुंभ गए कैलाश गुर्जर की आंखों देखी…
जैसे ही सोशल मीडिया पर महाकुंभ में भगदड़ की खबरें चली सवेरे ही परिवार के सदस्यों का फोन आया। जिस जगह पर यह भगदड़ मची उससे कुछ ही दूरी पर हम लोग भी थे और आज ही वहां पर स्नान का प्रोगाम था। लेकिन बाद में पता चला कि वहां पर फिलहाल स्नान रोक दिया गया है। मौके पर पहुंचे तो वहां पर फटे कपड़े, बिखरा सामान, टूटी चप्पलें थीं। लोग रो रहे थे, कराह रहे थे…. एुबंलेंस के सायरन की आवाजें गूंज रही थीं, पुलिस लोगों को आगे जाने से रोक रही थी। मौत का ऐसा मंजर आज तक देखा नहीं, ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही देखा था।