राजस्थान में 2 रुपए प्रति किग्रा गोबर खरीद की मांग, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
Rajasthan News : एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश में गोबर खरीद योजना लागू करने, कृषि के क्षेत्र में विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने, नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, प्राकृतिक खेती के तहत राजस्थान को मॉडल ऑर्गेनिक राज्य बनाने के लिए पीएम मोदी को संबोधित एक ज्ञापन राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े को सौंपा।
Rajasthan News : अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयोजक डॉ. अतुल गुप्ता और अखिल भारतीय जैविक महिला किसान उत्पादक संघ की संरक्षक मोनिका गुप्ता की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मंडल ने राजभवन में राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े से भेंट की। प्रतिनिधि मंडल ने वैज्ञानिक आंकड़ों के माध्यम से प्रस्तुतिकरण दिया कि किसानों की आय कई गुणा बढ़ने, गौशालाओं की आत्मनिर्भरता और प्रदेश के विकास का रास्ता गौ आधारित प्राकृतिक खेती से ही निकलेगा। इसके अलावा और कोई आसान रास्ता नहीं है। प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश में गोबर खरीद योजना लागू करने, कृषि के क्षेत्र में विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने, नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, प्राकृतिक खेती के तहत राजस्थान को मॉडल ऑर्गेनिक राज्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
राज्यपाल ने ज्ञापन को पीएम मोदी तक पहुंचाने का दिया आश्वासन
डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद गौ-संरक्षण और जैविक खेती को बढ़ावा देने वाला अग्रणी संगठन है। 25 अप्रैल 2024 को राजस्थान की 150 गौशालाओं के साथ 39 सूत्रीय मांग पत्र तैयार कर सरकार को भेजा गया। वहीं, अखिल भारतीय जैविक महिला किसान उत्पादक संघ जैविक खेती के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए समर्पित है। राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने ज्ञापन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल ने राजस्थान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, गौ-संरक्षण, और जैविक खेती के महत्व पर विस्तृत चर्चा की।
गोबर से बदलेगी गौशालाओं की तकदीर
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में राज्यपाल को अवगत करवाया कि राजस्थान की 3500 गौशालाओं और 13 लाख गौवंश से प्रतिवर्ष 474.5 करोड़ किलोग्राम गोबर उत्पादन होता है। 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदने पर गौशालाओं को 949 करोड़ रुपए की वार्षिक आय होगी। वहीं, जैविक खाद की बिक्री से (10 रुपए किलोग्राम) से 4,745 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। गोवंश से जुड़े रोजगार सृजन में 1.5 लाख प्रत्यक्ष और 3 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि विशेष रूप से यह योजना ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध होगी। इस पर केन्द्र सरकार को अति शीघ्र ध्यान देना चाहिए। वहीं, राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। यदि राजस्थान मॉडल ऑर्गेनिक राज्य घोषित होता है तो राजस्थान की विशाल भूमि, गौवंश की उपलब्धता और कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था राजस्थान के विकास को पंख लगा देगी।
1 टन गोबर पूरी कर सकती है 25 परिवारों की ऊर्जा की आवश्यकता
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे को आंकड़ों के साथ अवगत करवाया कि 1 टन गोबर से 40-50 क्यूबिक मीटर बायोगैस निकलती है। यह 20-25 परिवारों की ऊर्जा की आवश्यकता पूरी कर सकती है। मीथेन नियंत्रण और कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन के माध्यम से भारत के नेट-जीरो 2070 लक्ष्य में योगदान मिलेगा। गोबर-आधारित खाद मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को 25-35 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। गोबर और गौमूत्र से बने जीवामृत और घन जीवामृत फसल उत्पादन लागत को 30-40 प्रतिशत कम करते हैं। बायोगैस उत्पादन से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है।