एक्सचेंज से बिजली लेने में दूसरे राज्य भी लाइन में
अभी राजस्थान में बिजली डिमांड और उपलब्धता में 700 से 1200 मेगावाट का अंतर है। इस अंतर को बाजार से बिजली खरीदकर पूरा कर रहे हैं, लेकिन दूसरे राज्यों में भी बिजली की कमी है। इसलिए राजस्थान को अपेक्षित बिजली मिलने में संशय है। एक्सचेंज 10 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली बेच रहा है।इधर, 110.5 मेगावाट बिजली उत्पादन
प्रदेश में एक और गैस पावर प्लांट (रामगढ़) है, जिसकी उत्पादन क्षमता 270.5 मेगावाट है। इसमें से 110.5 मेगावाट की तीन यूनिट से उत्पादन हो रहा है। बाकी में गैस की उपलब्धता नहीं होने के कारण उत्पादन नहीं हो रहा।राजस्थान में बिजली दरें बढ़ाने के लिए विद्युत निगमों की सिफारिश, पर आईं आपत्तियां, जानें मामला
चार साल में डेढ़ माह ही मिली, फिक्स चार्ज के करोड़ों लुटा रहे
पिछले वर्ष भी बिजली संकट गहराया। डिमांड पूरी करने के लिए मई में करीब 20 दिन के लिए प्लांट से उत्पादन शुरू किया गया। इसके बाद संचालन बंद कर दिया गया। इस वर्ष अप्रेल में तीन दिन उत्पादन किया। इससे पहले वर्ष 2023 के सितम्बर माह में 15 दिन और वर्ष 2020 में करीब एक माह तक ही उत्पादन हुआ, लेकिन फिक्स चार्ज के करोड़ों रुपए भुगतान किया जा रहा है।इसलिए ज्यादा लागत…
1- गैस टरबाइन संचालन से उत्पादन- 16 रुपए प्रति यूनिट (संचालन आधे घंटे में शुरू किया जा सकता है)।2- गैस के साथ स्टीम टरबाइन से उत्पादन- 12 रुपए प्रति यूनिट लागत (बिजली उत्पादन शुरू करने में कम से कम 12 घंटे लगते है)।