इस प्रयास को दुनिया के नक्शे पर पहचान दिलाने के लिए एक पोर्टल भी बनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को पंच गौरव नाम दिया गया है, जिसके माध्यम से हर जिले को नई सांस्कृतिक व आर्थिक पहचान दी जाएगी। जिलों के विकास को दिशा देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 350 बिलियन डॉलर तक ले जाने का प्रयास भी किया जाएगा। अब तक प्रदेश की पहचान महल-किले-हवेलियों और रेत के धोरों से होती है।
विरासत संरक्षण की पहल
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए हर जिले में स्थानीय कला, शिल्प एवं परंपराओं को वैश्विक पहचान दिलाई जाएगी। आर्थिक विकास की ओर कदम
आर्थिक विकास एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता, मार्केटिंग व निर्यात क्षमता में सुधार किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। पर्यावरण संरक्षण का लक्ष्य
प्रमुख वनस्पतियों का संरक्षण करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से उनके व्यावसायिक उपयोग को प्रोत्साहन दिया जाएगा।