मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश शुभा मेहता की खंडपीठ ने पूर्व विधायक रमेश चंद्र खंडेलवाल की याचिका पर गुरुवार को यह आदेश दिया। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने राज्य सरकार का जवाब पेश करने के लिए समय मांगा।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता निखिल सैनी कहा कि करीब तीन दशक से नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग की जा रही थी। इसको देखते हुए तत्कालीन सरकार ने रामलुभाया कमेटी की सिफारिशों व तय मापदंडों के आधार पर नीमकाथाना सहित अन्य जिलों का सृजन किया। यहां जिले के लिए प्रशासनिक अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए।
जिला बनने के बाद कानून व्यवस्था में सुधार आया, जिसके कारण क्षेत्र में अपराध दर में कमी आई। सरकार बदलने के बाद 29 दिसम्बर को नीमकाथाना जिला समाप्त कर दिया गया, जबकि समान परिस्थिति वाले अन्य जिलों को राजनीतिक आधार पर बरकरार रखा गया।